मुंडका सीवर डेथः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा DDA दे परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवज़ा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को निर्देश दिया कि वह पिछले महीने मुंडका में सीवर सफाई के दौरान हुई मज़दूर की मौत के बाद उनके परिवार वालों को मुआवजे के रूप में 10-10 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल बाद भी, गरीबों को हाथ से मैला ढोने का काम करने के लिए मजबूर किया गया। उनका कहना है कि घटना DDA के अधिकार क्षेत्र में हुई है इसलिए मुआवजे का भुगतान DDA को ही करना होगा।

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न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि DDA मृत मज़दूरों के परिवार में से एक सदस्य के लिए नौकरी सुनिश्चित करे। साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि कोर्ट की अगली सुनवाई तक कोर्ट के आदेशों का पालन हो जाना चाहिए। और कहा की यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अगली सुनवाई में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को कोर्ट में कारण बताते हुए अदालत में पेशी देनी होगी।

the hindu से मिली जानकारी के मुताबिक घटना की एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय द्वारा स्वयं शुरू की गई एक जनहित याचिका (PIL) पर आदेश पारित किया गया था।

आप को बता दें कि बीते 9 सितंबर को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में सीवर सफाई के दौरान एक सफाई मज़दूर कि मौत हो गयी थी और उसको बचाने ने सीवर में उतरे एक सुरक्षा गार्ड की सीवर में जहरीली गैस के कारण मौत हो गई थी।

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इस घटना का स्वाम संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले MCD को मृत मज़दूरों के परिवार वालों को मुआवजा देने की बात कही थी लेकिन MCD ने दिल्ली जल बोर्ड के ऊपर मामले को डालते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए था उसके बाद अगली सुनवाई में मामले की पूरी जाँच के बाद 6 अक्टूबर को DDA हो मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

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