कानपुर में सेप्टिक टैंक में उतरे 3 मजदूरों की जहरीली गैस से मौत

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कानपुर में रविवार को बर्रा थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में सेप्टिक टैंक में शटरिंग खोलने उतरे एक मजदूर की जहरीली गैस मौत हो गई। वहीं, बचाने उतरे दो साथियों की भी हालत बिगड़ गई।

आनन-फानन में दोनों को अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से मौके पर हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे था।

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इसके बाद भारी हंगामा और बवाल हुआ था। बमुश्किल पुलिस तीनों शव मोर्चरी भेज सकी थी। सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात ही पुष्टि होइ गई है कि तीनों सफाई मज़दूरों की मौत जहरीली गैस के कारण हुए है। पुलिस ने बताया कि निर्माणाधीन मकान में मानकों के विपरित सीवर टैंक बनाया जा रहा था।

हिंदुस्तान से मिली जानकारी के मुताबिक बर्रा थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में कुशल गुप्ता घर बनवा रहे हैं। एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि मकान में एक सेप्टिक टैंक बना हुआ है। जिसमें कुछ काम करने के लिए रविवार को शिवा तिवारी (25), अंकित पाल (28) और अमित कुमार (26) सफाई कर्मी अंदर गए थे। अचानक से उनका दम घुटने लगा। लोगों ने तीनों को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने एक-एक कर तीनों को मृत घोषित कर दिया।

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एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि पीड़ित परिजनों ने तहरीर नहीं दी है। वह किसी तरह की कार्रवाई नहीं चाहते हैं। ठेकेदार व मकान मालिक ने चंदा कर करीब तीन लाख रुपये जुटाए हैं, जो पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद के तौर पर दिए जाएंगे।

गौरतलब है कि सफाईकर्मी अपनी जान हथेली पर लेकर सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरते हैं और आय दिन इस दौरान उनकी मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 40 फीसदी मौतें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में हुई हैं।

लोकसभा में 19 जुलाई को एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 2017 में 92, 2018 में 67, 2019 में 116, 2020 में 19, 2021 में 36 और 2022 में अब तक 17 सफाईकर्मियों की मौतें सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दर्ज की गई है।

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