FANPSR की नई पेंशन स्कीम और रेलवे निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी विरोध अभियान जारी

ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का फ़्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे FANPSR का संघर्ष लगातार जारी है। FANPSR से सदस्य पिछले कई महीनों से NPS और रेलवे में किये जा रहे निजीकरण के विरोध में देशव्यापी अभियान चलाया हुआ है। अलग-अलग राज्यों में NPS और निजीकरण सम्बन्धी बैठके की जा रहीं हैं।

FANPSR एलाइंस नेशनल मूवमेंट फोर ओल्ड पेंशन स्कीम NMOPS के अपने जबलपुर कन्वेक्शन में निर्णय लिया था कि रेलवे के विभिन्न जोनल, डिवीजन, ब्रांच स्तर पर लगातार एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ पैम्फलेट, पर्चा, पोस्टर,ऑडियो, वीडियो के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाते हुए जन कन्वेंशनों का आयोजन किया जायेगा। आगामी 8 अक्टूबर 2022 को पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 16 अक्टूबर 2022 को पश्चिम मध्य रेलवे, कटनी, मध्यप्रदेश, और 13 नवम्बर 2022 को उत्तरीय रेलवे, लखनऊ में OPS बहाली सम्बन्धी कन्वेक्शन का आयोजन किया जायेगा।

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इससे पहले FANPSR के सदस्यों ने 4 जुलाई 2022 को वेस्ट सेंट्रल रेलवे, जबलपुर, मध्यप्रदेश में, 20 अगस्त को ईस्ट सेंट्रल रेलवे, पटना, बिहार, 24 अगस्त को आर सी एफ, कपूरथला, पंजाब, 28 अगस्त को नार्थ सेंट्रल रेलवे, आगरा, उत्तर प्रदेश, 4 सितंबर नार्दन रेलवे, तुगलकाबाद, नई दिल्ली में, 25 सितंबर ईस्ट सेंट्रल रेलवे, बरकाकाना, झारखंड, 26 सितंबर साउथ ईस्ट रेलवे, रांची, झारखंड, 27 सितंबर ईस्ट कोस्ट रेलवे, भुबनेश्वर, उडीसा, शहीदे आज़म भगत सिंह के जन्मदिन पर 28 सितंबर ईस्टर्न रेलवे आसनसोल, पश्चिम बंगाल में इत्यादि कई जगह जनकांवेंशन का आयोजन किया गया है।

नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे राष्ट्रीय प्रचार सचिव डॉ कमल उसरी का कहना है कि आज जब रेलवे कर्मचारियों के साथ एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ आम जनमानस की गोलबंदी बढ़ रही है तब सरकार कुछ संस्थाओं द्वारा फ़र्जी आंकड़े प्रस्तुत कर निजीकरण व एनपीएस को सही बताने की निर्रथक कोशिश कर रही है।

आप को बता दें की 1 जनवरी 2004 से रेलवे सहित अन्य सरकारी सेवा भर्ती कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) को समाप्त कर दिया गया है और इसकी जगह शेयर मार्केट आधारित नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)को लागू कर दिया गया है।

‘कर्मचारी का हक़ है पेंशन’

FANPSR के सदस्यों का कहना है कि तमाम अध्ययन और 2004 के बाद भर्ती NPS कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद मिल रहे पेंशन से यह बात साबित हो चुकी है कि एनपीएस कर्मचारियों के लिए किसी भी रूप में फायदेमंद नही है।

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों का हक़ है और उसे मिलना चाहिए। सेवानिवृत्ति कर्मचारियों की गरिमा कायम रखने के लिए पेंशन जरूरी है। पेंशन कोई एहसान नही है बल्कि कर्मचारी का हक़ है।

OPS और NPS का अंतर

FANPSR कार्यक्रम में मौजूद सदस्यों को OPS और NPS का अंतर बताया है।

  1.  NPS में पेंशन के लिए(मूल वेतन+DA) का 10% कटौती किया जाता है जबकि OPS में पेंशन के लिए कोई भी कटौती नही किया जाता है।
  2. NPS में शेयर बाजार आधारित असुरक्षित योजना है जिसमें पेंशन की गारंटी नही है जबकि OPS सुरक्षित पेंशन योजना है जिसमें रिटायरमेंट के समय अंतिम मूल वेतन के 50% की गारंटी है।
  3. NPS में प्रत्येक छः माह में मिलने वाला मंहगाई भत्ता तथा 10 वर्ष के बाद पे-कमीशन का लाभ नहीं है जबकि OPS में प्रत्येक छः माह में मिलने वाला मंहगाई भत्ता तथा 10 वर्ष के बाद पे-कमीशन के लाभ की सुविधा उपलब्ध है।
  4. NPS में सर्विस के दौरान मृत्यु होने पर योजना में जमा रकम जब्त कर ली लिया जाता है तथा रिटायरमेंट के समय 60% राशि मिलेगी एवं 40% राशि से शेयर खरीदना पड़ेगा जबकि OPS में सर्विस के दौरान मृत्यु होने पर योजना में फैमिली पेंशन का प्रवधान है।

कार्यक्रम ने मौजूद FANPSR के सदस्यों का आरोप है कि मोदी सरकार शिक्षा, चिकित्सा, रक्षा, रेल, भेल,सेल, कोल, बैंक, बीमा, बंदरगाह, एअरपोर्ट सहित सार्वजनिक क्षेत्र की तमाम इकाइयों का निगमीकरण/निजीकरण करते हुए पूंजीपतियों को सौंपने में लगी हुई है। भारतीय रेलवे जो ढाई करोड़ से भी ज्यादा यात्रियों को प्रतिदिन यात्रा कराती है जो भारत में सबसे ज्यादा युवाओं को रोजगार देती है।

उनका कहना है कि कोरोना संकट यानी कि लॉकडाउन में कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य करते हुए रेलवे कर्मचारियों ने अपने हजारों साथियों की शहादत देते हुए ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाएं और लाखों टन खाद्यान्न सामग्री सहित आवश्यक वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया है, हम सभी देश हित में रेलवे का संचालन करते हुए अपना पूरा जीवन लगा दे रहे है लेकिन हमारे बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन योजना (OPS) हमसे छीन ली गई है।

OPS की दोबारा लागू करवाने के लिए 2012 में गठित “फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे” FANPSR औऱ 2017 में गठित “नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम” NMOPS के साथ गठबंधन बनाकर सभी कर्मचारियों की एकजुटता के साथ लगातार संघर्ष करते रहे है। वे चाहें रेलवे के विभिन्न जोन/डिवीजन एवं उत्पादन इकाई सहित हजारों स्थान, सैकड़ों शहर हो, या नई दिल्ली के जंतर मंतर पर OPS की मांग करते हुए हज़ारों रेलवे कर्मचारियों की गिरफ्तारी देने का वक़्त हो या नई दिल्ली के ही रामलीला मैदान में हुआ एतिहासिक आंदोलन रहा हो जिसमें लाखों की संख्या में कर्मचारियों ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी, और जब OPS बहाली के मुद्दे पर पहली बार प्रधानमंत्री कार्यालय वार्ता करने प्रतिनिधि मंडल गया तो उसमें “फ्रंट अगेंस्ट एनपीए इन रेलवे” FANPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरीक सिंह शामिल रहें थे।

FANPSR का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए चल रहे आंदोलन की वजहों से ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने पुनः पुरानी पेंशन योजना OPS को बहाल किया है।

किसान आंदोलन से ली सीख

FANPSR ने इस बैठक के माध्यम से रेलवे कर्मचारी से अपील है कि कैटेगरी वाइज अलग – अलग संघर्ष करने के बजाय एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ बुढापे का सहारा पुरानी पेंशन योजना OPS बहाली हेतु संयुक्त संघर्ष समय की मांग है, दिल्ली के बॉडर पर चलें एतिहासिक किसान आंदोलन ने सिखाया है कि सत्ता के चाटुकार भगोड़े नेताओं पर यकीन मत करो, शहीदे आज़म भगत सिंह और संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचारों से युक्त नौजवानों पर विश्वास करते हुए पुराने पेंशन बहाली योजना की बहाली की लडाई का जिम्मा स्वयं उठाते हुए आज 7-8% लोग ही अपनी भागीदारी करते हुए लड़ रहे है,और यही 7-8% लोगो ने इस मुद्दे को राष्ट्रव्यापी बना दिया है।

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जबलपुर में आजोजित जनकांवेंशन में रायसाहब यादव, सुरेंद्र नाथ विश्वकर्मा, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, पटना में मृतुन्जय कुमार, सतोष कुमार, प्रेमचंद सिन्हा, जितेंद्र कुमार, आगरा में मनोज पाण्डेय, राहुल चौरसिया, कपूरथला में सर्वजीत सिंह, अमरीक सिंह, भरत राज, तुगलकाबाद नई दिल्ली में नरसिंह कुमार, किशन कुमार, मनीष हरिनंदन, तुलसीराम यादव, रूपेश कुमार, संजीव सक्सेना, बरकाकाना में उदय महतो, बी आर सिंह, एस पी साहू, प्रवीण कुमार, मृतुन्जय कुमार, रांची में एन एन सिंह, शुभेंदु सेन, पन्ना माइकल, भुबनेश्वर में बी एन भोई, पी के महापात्र, महेंद्र परीदा, राधा कांत सेठी,कैलाश छुरियां, रंजन बेहरा, एस के पांधी, गौरशंकर पाटनीक, आसनसोल में पार्थो सेल ने संयोजन किया।

फ़्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे FANPSR एलाइंस नेशनल मूवमेंट फोर ओल्ड पेंशन स्कीम NMOPS राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉम अमरीक सिंह, व राष्ट्रीय महासचिव कॉम राजेन्द प्रसाद पाल के साथ इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉम मनोज पाण्डेय व राष्ट्रीय महासचिव कॉम सर्वजीत सिंह, नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे राष्ट्रीय प्रचार सचिव कॉम डॉ कमल उसरी शामिल रहे है।

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