सैलरी मांगी तो कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों को करवाया गायब, विरोध करने पर पुलिस पीट रही

By खुशबू सिंह

महाराष्ट्र के जिला नासिक स्थित जिंदल पॉली फिल्म नाम की फैक्ट्री में काम कर रहे दो कर्मचारियों को कंपनी प्रबंधन ने रातों-रात सिर्फ इसलिए गायब कर दिया क्योंकि इन लोगों ने वेतन समय पर न मिलने का विरोध किया था।

एक हजार कर्मचारियों ने वेतन समय पर न मिलने के कारण कंपनी प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रर्दशन करने की योजना बनाई। इस योजना की भनक जैसै ही कंपनी प्रबंधन को लगी, उन्होंने बाकी के कर्मचारियों को डराने के लिए दो कर्मचारियों को रातों-रात गायब कर दिया

जिंदल पॉली फिल्म फैक्ट्री में तीन हज़ार के आस-पास कर्मचारी काम करते हैं। इन सभी कर्मचारियों को मार्च महीने का वेतन समय पर मिल गया, पर अप्रैल महीने का वेतन तीन किस्तों में दिया जाने लगा, इसी बात से नाराज होकर एक हज़ार कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ धरना-प्रर्दशन करने की योजना बनाई।

इस फैक्ट्री के अधिकतर कर्मचारी, फैक्ट्री के पास कर्मचारियों के लिए बने होस्टल में रहते हैं। सोमवार की रात को सिक्योरिटी गार्ड की देख-रेख में होस्टल के भीतर कुछ अज्ञात लोग घुसे और तीन कर्मचारियों को जबरन लेकर जाने लगे।

इन तीनो ने जब शोर मचाना शुरू किया तो वे भाग गए। उसी समय इस बात का खुलासा हुआ कि कंपनी प्रबंधन पहले ही दो लोगों को गायब करा चुकी है।

इस पूरे मसले के बारे में रजत सिंह ने वर्कस यूनिटी को बताया कि ‘वेतन समय पर न मिलने के कारण हमने विरोध करना शुरू कर किया पर हमारी आवाज को दबाने के लिए मेरे दो साथियों को आधी रात को कंपनी प्रबंधन ने जबरन नासिक रेलेव स्टेशन छोड़ दिया और कुछ साथियों को सोमवार की रात को जबरन लेकर जा ही रहे थे कि उन्होने शोर मचा दिया। कंपनी का भांडा फूट गया। तब से लेकर अब तक हम पर जबरन इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है। रजत नम आखों से कहते हैं-” हम सभी दूर-दराज से यहां रोजी-रोटी कमाने आएं हैं अगर कंपनी ने हमें जबरन निकाल दिया तो हम कहां जाएगें।”

दो कर्मचारियों को गायब करने में अहम भूमिका निभाने वाले संतोश साई (एच.आर), मधुबन (एच.आर), सतेंद्र सिंह (सिक्योरिटी हेड), राजेश पटेल, मीहिर पांडा (बिल्डिंग इंचार्ज) फैक्ट्री के कर्मचारी इन सभी के इस्तीफे की मांग कर रहें हैं।

लेकिन कंपनी प्रबंधन पीड़ित कर्मचारियों के साथ उलट व्यवहार कर रहा है। विरोध करने वाले कर्मचारियों को होस्टल में बंद करके रखा गया है, होस्टल के बाहर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है, कर्मचारी जब भी बाहर आते हैं तो पुलिस बुरी तरह पीटती है।

खबर की अंतिम लाइन लिख ही रही थी कि रात करीब 1 0 बजे जिंदल पॉली फिल्म में काम कर रहे कर्मचारी रजत सिंह का फोन आता है, भरी आवाज़ में वो कहते हैं, ‘मैडम हमें काम से निकाल दिया है। घर जाने के लिए कोई बस ट्रेन नहीं है। नहीं पता हम आधी रात को कहां जाएंगे और इस लॉकडाउन में कैसे रोजगार तलाशेगें’

गौरतलब है कि लॉकडाउन के समय से ही लाखों लोगों की नौकरी चली गई। श्रम कानूनों को कई राज्यों में रद्द कर दिया गया है। इसी का फायदा उठाकर कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों का जमकर शोषण कर रहा है। यदि कोई इसके खिलाफ आवाज़ उठाता है तो, उनको जबरन नौकरियों से निकाल दिया जा रहा है।

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