थर्ड वर्ल्ड सिनेमा, समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलनों का डाक्यूमेंट्री पर प्रभाव: Part-6

By मनीष आज़ाद 1960 से पहले डाक्यूमेंट्री यानी ‘दस्तावेजी फ़िल्मों’  में उतना काम नहीं था। ज़्यादातर सरकार के सहयोग से उसी तरह की डाक्यूमेंट्री बनती थी, जो पहले आप पिक्चर …

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हिंदी सिनेमा पर समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलन का प्रभाव : Part-5

By मनीष आज़ाद हिंदी पर आते हैं। तकनीकी रूप से देखें तो 1966 में बनी ‘भुवन शोम’ (मृणाल सेन) और 1969 में बनी ‘उसकी रोटी’ (मणि कौल) से समानांतर सिनेमा …

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