डीए और फ़ैस्टिवल एडवांस मार कर बैठी मोदी सरकार बांट रही LTA वाउचर, यूनियनों ने बताया बड़ा धोखा

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ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव सी श्रीकुमार ने मोदी सरकार की बहु प्रचारित एलटीसी (लीव ट्रैवल कंसेशन) वाउचर योजना और एलटीए (लीव ट्रैवल अलाउंस) एडवांस योजना को कर्मचारियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा बताया है।

फेडरेशन ने एक बयान जारी कर कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 12 अक्टूबर धूमधाम से की गई घोषणा में ऐसा कुछ भी नहीं है जो कर्मचारियों के हित में हो।

बयान में फ़ेडरेशन के महासचिव सी श्रीकुमार ने कहा है कि, 7वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों को फ़ैस्टिवल एडवांस दिए जाने के साथ कई अन्य योजनाओं को समाप्त कर दिया गया है।

केंद्रीय कर्मचारियों को एक महीने के मूल वेतन के बराबर फेस्टिवल एडवांस को बहाल करने की मांग पर केंद्र सरकार ने अब तक कोई विचार नहीं किया है।

ऐसी स्थिति में वित्त मंत्री की ये घोषणा कि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को त्योहारी बोनस के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा और 10 किस्तों में इसकी वसूली की जाएगी, इसमें बड़ा झोल है।

कर्मचारियों को फ़ायदा या नुकसान?

क्योंकि यह भुगतान भी नकद में सरकार नहीं कर रही है बल्कि इसका भुगतान एसबीआई से प्रीपेड रुपे कार्ड के रूप में किया जाएगा और यह केवल 31 मार्च 2021 तक वैध रहेगा।

इसी तरह एलटीसी स्पेशल कैशबैक जिसके नाम पर कर्मचारी को 2,94,015 रुपए खर्च करने होंगे और इसके एवज में 1,34,000 रुपये की प्रतिपूर्ति करनी होगी।

फ़ेडरेशन के अनुसार, इस योजना में झोल ये है कि टैक्स छूट वाली इस योजना में निर्धारित पैसे को किसी ख़ास प्रोडक्ट या सेवा, जिस पर जीएसटी 12% है, खरीदने पर ही इसका लाभ मिलेगा, मसलन, कार, टीवी, लैपटॉप आदि। इस खरीद के जीएसटी को अपने डिपार्टमेंट में पेश करना होगा।

यही नहीं यह खरीद सिर्फ डिजिटल मोड के माध्यम से पंजीकृत विक्रेता से करना होगा और वाउचर को जीएसटी नंबर और भुगतान की गई जीएसटी राशि की रसीद देनी होगी। टीडीएस की वसूली एलटीसी अर्जित अवकाश के नकदीकरण से की जाएगी।

यह साफ है कि इस राशि से उनकी बिक्री को बढ़ावा देने वाले व्यवसायिक घरानों को लाभ होगा और सरकार केंद्रीय कर्मचारियों से जीएसटी और अन्य इनकम टैक्स की उगाही करके अपना खजाना भरेगी।

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एलटीए केश वाउचर के लिए कर्मचारियों को विमान/रेल किराया के तीन गुने का सामान और सेवाएं खरीदना होगा। मतलब अगर आपको 4 लोगों की फैमिली में 80,000 रुपये मिलते फेयर के मिलते थे तो आपको डिजिटल कैश वाउचर के लिए 2,40000 रु का समान खरीदना होगा।

समान भी वो जिस पर जीएसटी 12 ℅ से ज्यादा हो। मतलब सरकार एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से तीन गुना वसूल रही है वो भी सूद के साथ.. मतलब हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा।

अब फेस्टिवल एडवांस की बात करते हैं। कर्मचारियों को 10,000 रुपये मिलेगा जो सैलेरी से हर महीने कटेगा मतलब आपका ही पैसा आपको उधार दिया जा रहा है बताया ऐसा जा रहा है जैसे की आपको बोनस दिया जा रहा है।

इतना ही ध्यान है तो सरकार जो सालभर का DA रोककर बैठे हो वो ही दे देती। मोदी के पास खुद का मंहगा प्लेन खरीदने का पैसा है लेकिन आम आदमी को साधारण समान खरीदने के लिये तमाम शर्तें थोपी जा रही हैं।


 

घोषणाओं की बजाय कर्मचारियों का ड्यू दे सरकार

फ़ेडरेशन ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए की किश्तों को जारी करने और सातवें केंद्रीय वेतन आयोग से संबंधित मुद्दों और मांगों को हल करने, न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेने, बोनस भुगतान की सीमा पर पुनर्विचार करने, केंद्रीय कर्मचारी बीमा योजना में संशोधन करने और किसी भी सीमा के बिना मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है।

फ़ेडरेशन ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 पॉजिटिव के परीक्षण, मेडिकल छुट्टी और विशेष आकस्मिक अवकाश देने और परिवहन की अनुपलब्धता आदि के कारण लॉकडाउन के दौरान जो परेशानियां झेलनी पड़ी हैं और इसकी वजह से जो आर्थिक संकट आया है, उसपर सरकार ने कुछ नहीं किया है।

ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन ने सरकार से अपील की है कि वह जोर शोर से देखने में लुभावनी घोषणाएं करने की बजाय एक महीने के बेसिक वेतन को फ़ैस्टिवल एडवांस के रूप में मंजूर करे, एलटीसी कैश पैकेज बिना किसी शर्त के दे और केंद्रीय कर्मचारियों की सभी लंबित मांगों का निपटारा करे।

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