पंजीकृत निर्माण महिला मज़दूरों को सवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान करें, वेतन का भुगतान ऑनलाइन किया जाए: कंपनियों को सरकार की सलाह

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पंजीकृत निर्माण महिला मज़दूरों को सवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान करें, वेतन का भुगतान ऑनलाइन किया जाए: कंपनियों को सरकार की सलाह

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने एक हालिया बयान में कहा है कि निर्माण स्थल पर काम करने वाली प्रत्येक महिला कर्मचारी का वेतन कंपनी द्वारा उनके खाते में जमा किया जाना चाहिए,इसके साथ ही प्रवासी महिला श्रमिक भी इन लाभों के दायरे में आएंगी.

सरकार ने नियोक्ताओं को सवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान करने का आदेश देकर पंजीकृत सड़क निर्माण मज़दूरों के कल्याण और अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अनुसार, पंजीकृत सड़क निर्माण मज़दूर अब दो प्रसव तक 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश के हकदार होंगे.

ईरानी ने कहा कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य शारीरिक रूप से कठिन व्यवसायों में कार्य कर रहीं महिलाओं को समर्थन और सशक्त बनाना है.

दो प्रसवों के लिए प्रस्तावित मातृत्व अवकाश के अलावा, सरकार ने दो से अधिक बच्चों वाली महिलाओं के साथ-साथ गोद लेने वाली या कमीशन लेने वाली माताओं की जरूरतों पर भी विचार किया है. ऐसे मामलों के लिए, नियोक्ताओं को 12 सप्ताह का सवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान करना आवश्यक है.

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पर आयोजित एक कार्यक्रम में ईरानी ने यह घोषणा कि ‘ इस कार्यक्रम में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ताओं के लिए एक सलाह जारी कि है की महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए लैंगिक समानता और महिला कार्यबल की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाये. देश भर में महिला निर्माण श्रमिकों के लिए मेरे पास जो सलाह है, उसके अनुसार उन्हें अपने नियोक्ताओं द्वारा 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश देना अनिवार्य है. और महिला मज़दूरों के ये सारे अधिकार सिर्फ कागजों पर न हो बल्कि इसे सुनिश्चित भी करना होगा.’

इसके साथ ही ईरानी ने कहा ” नियोक्ताओं को हमारा सलाह है कि महिला निर्माण मज़दूरों का वेतन उनके पर्यवेक्षकों द्वारा ठगे जाने से बचने के लिए ऑनलाइन माध्यम से हस्तांतरित किया जाना चाहिए.”

सलाहकार ने महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में नियोक्ताओं की सक्रिय भूमिका पर भी जोर दिया.

सलाह देने वालों का कहना है कि ‘नाईट शिफ्ट के दौरान महिला श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ विशेष रूप से रात के घंटों के दौरान पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ के लिए परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले नियोक्ताओं को महत्व दिया जाये.’

ईरानी ने कहा कि ‘ निर्माण स्थल पर प्रत्येक महिला कर्मचारी का वेतन कंपनी द्वारा उनके खाते में जमा किया जाना चाहिए. प्रवासी महिला मज़दूर भी इन लाभों के दायरे में आएंगी.’

राजधानी भवन निर्माण कामगार यूनियन (सीटू) दिल्ली से जुड़े अनुराग सक्सेना ने इस फैसले के बाद कहा कि ” निर्माण क्षेत्र की कंपनियों को पंजीकृत महिला मजदूरों को प्रजनन के दौरान 26 सप्ताह की छुट्टी देने के निर्देश का हम स्वागत करते हैं. इसके साथ ही हम मांग करते हैं कि सरकार निर्माण क्षेत्र की कंपनियों, ठेकेदार को भी निर्देश दें कि वे सभी निर्माण मजदूरों के नाम रजिस्टर पर चढ़ाए, उन्हें राज्य स्तरीय निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड में अनिवार्य रूप में पंजीयन करवाए. श्रम अधिकारी इसको सख्ती के साथ सुनिश्चित करवाएं. तभी निर्माण के महिला और पुरुष मजदूरों को ये लाभ मिल पाएंगे.केंद्र सरकार से साथ ही मांग करते हैं कि ऐसा निर्देश अन्य श्रमिकों, कर्मचारियों के लिए भी लागू किये जाये.”

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