स्कीम वर्कर्स की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू, 9 को जेल भरो आंदोलन में होंगी शामिल

आशा वर्कर्स तीन दिन के देशव्यापी हड़ताल पर हैं और 9 अगस्त को ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाए गए जेल भरो सत्याग्रह में हिस्सा लेंगी।

सात अगस्त से हड़ताल का आह्वान था और बिहार में छह अगस्त से ही आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जबकि पश्चिम बंगाल में कोराना के बिगड़ते माहौल में आशा वर्कर्स ने हड़ताल नहीं की है लेकिन काला बैज लगाकर काम कर रही हैं।

स्कीम वर्कर कहे जाने वाली आशा, मिड डे मील और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े जमीनी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार ने महामारी में भी रामभरोसे छोड़ दिया, जबकि वे फ्रंट लाइन पर रहकर सेवाएं दे रहे हैं।

उनका कहना है कि बेहद संक्रामक महामारी में उनको बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दी गईं, जिससे उनकी और उनके परिवार की जान खतरे में पड़ गई, जबकि कई की मौत भी हो चुकी है।

कोरोना योद्धा होने के नाते ताली-थाली बजवाने वाली सरकार महामारी के दौरान का मानदेय तक नहीं दे रही है।

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देश के आम नागरिकों की जरूरत है और हालात खराब हैं इसलिए विरोध में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है।

इन कर्मचारियों ने ड्यूटी के समय कोरोना संक्रमित कर्मचारियों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

स्कीम वर्कर्स ने स्वास्थ्य, शिक्षा समेत सभी सेक्टर को निजी हाथों में सौंपने पर भी विरोध जताया है। पंद्रह मांगों को लेकर वे आंदोलन में शामिल होंगे।

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