कर्मचारी पेंशन योजना से 15,000 की सीमा हटी, अब चुन सकते हैं उच्च पेंशन का विकल्प

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन की सीमा को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के महीनों बाद मोदी सरकार ने सोमवार को ये फैसला लिया।

EPFO ने सोमवार को अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू करने की नई गाइडलाइन जारी की है।

इसमें पेंशन बढ़ाने के लिए सब्सक्राइबर और एम्प्लॉयर एक साथ आवेदन कर सकते हैं।

पहले पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15000 प्रतिमाह तय थी। यानी 15,000 की सैलरी तक ही 8.33% का अंशदान पीएफ़ में हो सकता था और उसे उसी के हिसाब से पेंशन मिलती थी।

नया नियम क्या है?

नए नियम के तहत अब यह सीमा हटा दी गई है और कर्मचारी अपनी अधिक सैलरी पर अधिक अंशदान कर सकते हैं।

अब कर्मचारी और नियोक्ता EPFO में अपनी 15,000 रुपये से अधिक बेसिक सैलरी पर अधिक अंशदान कटवा सकते हैं।

EPFO के सर्कुलर के मुताबिक, एक सितम्बर 2014 के बाद नौकरी करने वालों कर्मचारियों को ये सुविधा मिलेगी।

कोई भी ऐसा कर्मचारी जो 31 अगस्त, 2014 को EPFO का मेंबर था और EPS के तहत उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना, उसके पास 3 मार्च, 2023 को या उससे पहले इसे चुनने का विकल्प है।

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईपीएफओ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कर्मचारी और उनके नियोक्ता ज्यादा पेंशन के लिए संयुक्त विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए ईपीएफओ ने कर्मचारियों को तीन भागों में बांटा हैं।

पहला, ऐसे कर्मचारी व नियोक्ता जो वर्तमान वेतन सीमा 5000 या 6500 से अधिक सैलरी के आधार पर अंशदान करते हैं।

दूसरा, ऐसे लोग जो ईपीएस-95 के सदस्य थे लेकिन जिन्होंने पुरानी योजना के तहत संयुक्त विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।

तीसरा, ऐसे सदस्य जो 1 सितंबर 2014 से पहले योजना के सदस्य थे और इस तिथि के बाद भी सदस्य बने रहे।

इसके अलावा ईपीएफओ ने पिछले महीने उन कर्मचारियों के मामलों की फिर से जांच करने के निर्देश जारी किए थे, जिन्होंने वास्तविक वेतन के आधार पर उच्च पेंशन प्राप्त की थी और सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन सेवानिवृत्ति कोष निकाय के साथ उच्च वेतन से जुड़ी पेंशन का विकल्प नहीं चुना था।

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क्या पेंशन स्कीम?

EPFO ही कर्मचारी पेंशन स्कीम को देखता है। इसमें 58 साल की उम्र के बाद पेंशन का प्रावधान है। कर्मचारी और कंपनी दोनों ही मिलकर कर्मचारी के बेसिक सैलरी और डीए का कुल 12 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा करते हैं।

कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है जबकि कंपनी जो 12 % जमा करती है, उसका 3.67% EPF में और 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है। इसमें भारत सरकार भी 1.16% कर्मचारी के पेंशन के लिए जमा करती है। कर्मचारी को अपने पीएफ़ से पेंशन स्कीम में पैसा नहीं देना होता है।

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