खट्टर सरकार ने गुड़गांव की 600 झुग्गियों पर बुलडोज़र चलवाया, 2000 झुग्गियां तोड़ने की योजना

sikandarpur gudgaon jhuggi

By खुशबू सिंह

हरियाणा के गुड़गांव में स्थित सिकंदरपुर आरावली क्षेत्र में मज़दूरों, ग़रीबों द्वारा बसाई गई 600 झुग्गियों को नगर निगम ने बीते मंगलवार को 6 जेसीबी चलाकर ध्वस्त कर दिया।

महिला कामगार संगठन की अनीता ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि पिछले कई दिनों से झुग्गियों को तोड़ जा रहा है और प्रशासन और स्थानीय एमएलए से अपील करने के बावजूद जबरन जेसीबी चलाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से लोग इकट्ठा होकर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और जब लोग इकट्ठा हुए तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को तितर बितर कर दिया, जिसमें कई लोगों को पैर, हाथ और सिर में चोटें आई हैं।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने ज्वाइंट कमिश्नर-3 हरिओम अत्री के हवाले से कहा कि आठ एकड़ सरकारी ज़मीन पर बसी झुग्गियों को ढहाया गया है। आने वाले समय में कुल 25 एकड़ पर अतिक्रमण को हटाया जाएगा।

सिकंदरपुर के इस इलाक़े के ढाई किलोमीटर में सालों से झुग्गियां बनाकर मज़दूर और ग़रीब वर्ग के लोग रह रहे थे। बताया जाता है कि यहां कुल 2000 झुग्गियां हैं, जिन्हें धीरे धीरे हटाया जा रहा है।

सालों से बसे लोगों को ऐसे समय बेघर किया जा रहा है जब कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और सरकार खुद लोगों को घरों में रहने की सलाह पर सलाह दे रही है।

दूसरी तरफ़ बारिश के दिनों में ये लोग कहां जाएंगे, इसके जवाब में प्रशासन कुछ भी बताने के राज़ी नहीं है।

अनीता बताती हैं कि जब लोग स्थानीय विधायक के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि ये मामला ऊपर से है और वो इसमें कुछ नहीं कर सकते।

आठ एकड़ में बसे लोगों को बेघर किया

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जेसीबी जब पहुंची तो झुग्गीवासियों ने प्रतिरोध दर्ज कराया और प्रशासन के साथ टक्कर भी हुई लेकिन भारी पुलिस के सामने सब बेकार रहा।

अनीता के अनुसार, मंगलवार से पहले प्रशासन पांच छह झुग्गियां तोड़कर चला गया था और बाकी लोगों को अपना सामान हटा लेने को कहा गया था।

लेकिन दूसरी बार जब प्रशासन पहुंचा तो उसने लोगों को अपने सामान ले जाने का भी समय नहीं दिया और झुग्गी ढहा दी।

अनीता ने दावा किया कि कई घरों का सामान नगर निगम की गाड़ी पर लाद कर प्रशासनिक कार्यालय भेज दिया गया है।

संयुक्त आयुक्त-3 हरिओम अत्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि, “हमने 25 एकड़ अवैध कब्ज़े वाली ज़मीन की पहचान कर ली है। जिसमें से 8 एकड़ ज़मीन को खाली कराया जा चुका है और बाकी की ज़मीनों को खाली कराने की प्रक्रिया जारी है।”

इस झुग्गियों में रहने वाले लोग दिहाड़ी मज़दूरी, सफाई का काम और सड़क पर सामान बेच कर गुज़ारा करते हैं। इन लोगों के पास रहने को घर नहीं है, इसलिए इन्होंने खाली पड़ी ज़मीनों पर अपना आशियाना बसा लिया था।

कोरोना के चलते बहुत सारे लोग अपने गांव चले गए थे और बस्ती में अपेक्षाकृत कम लोग थे। प्रशासन ने ऐसा समय इसीलिए चुना क्योंकि उसे अधिक विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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देश मेें 20 लाख मंदिर, 17.7 लाख लोग बेघर

इन लोगों को यहां से निकालने के लिए अवैध कब्ज़ा और अरावाली क्षेत्र हरियाली के मामले में गुरुग्राम की जीवन रेखा है। इस बात का हवाला दिया जा रहा है।

पर आप को बता दे कि राजस्थान के कई इलाकों में पहाड़ों को काट कर फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं। आस-पास में बसे गांव भी इससे प्रभावित हैं।

2001 में हुए एक सर्वे के अनुसार पूरे भारत में 20 लाख से अधिक मंदिर हैं।

वहीं 13 मई 2020 में इंडिया स्पेंड में छपी एक खबर के अनुसार, पूरे भारत में 17.7 लाख ऐसे लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है।

इस देश में पूंजीपतियों का कर्ज माफ़ किया जाएगा, लेकिन मज़दूरों के साथ कोई मुरौवत नहीं की जाएगी, यही नियम है चाहे सरकार किसी को हो।

मंदिर बनेगा लेकिन झुग्गियां उजाड़ी जाएंगी

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लॉकडाउन के पहले 8 प्रतिशत बेरोज़गारी दर थी। पर ये आंकड़ा लॉकडाउन में बढ़ कर 23 प्रतिशत हो गया है।

देश में लोगों की तेज़ी से नौकरियां जा रही हैं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को होने वाला राम मंदिर उद्घाटन की तैयारियों में व्यस्त हैं।

वहीं अभी हाल ही में खबर आई थी कि, मेहुल चौकसी और विजय माल्या की कंपनियों सहित जान बूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वाली शीर्ष 50 कंपनियों का 68,607 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज तकनीकी तौर पर 30 सितंबर 2019 तक बट्टे खाते में डाला जा चुका है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दिये गये जवाब में यह जानकारी दी थी।

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