मोदी सरकार जन विरोधी, इनके कार्यकाल में जनता के हालात हुए बद सर बदतर : बसम

BSM PRESS CONFERENCE

बहुजन समाजवादी मंच (बसम) ने देश के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जाहिर की है.

एक संवाददाता सम्मेलन कर उसके नेताओं ने कहा है कि ‘लोगों की आर्थिक हालत बेहद दयनीय हो गयी है. अमीर और अमीर होता जा रहा है जबकि गरीब और गरीब. इसके साथ ही सामाजिक उत्पीड़न की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार है कि उसे राम मंदिर बनवाने से फुर्सत नहीं है और वह अपनी नकली उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है.

नेताओं ने कहा कि बीजेपी अच्छे दिन का झांसा देकर सत्ता पर काबिज हो गयी. लेकिन पिछले दस सालों में इसने देश को रसातल में पहुंचा दिया है. असमानता की खाई दिन दूनी, रात चौगुनी के हिसाब से बढ़ रही है. देश के संसाधनों पर दो-चार पूंजीपतियों का कब्ज़ा हो गया है. बेरोजगारी अपने 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है.

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का धड़ल्ले से निजीकरण किया जा रहा है. इन सब का सबसे ज्यादा असर बहुजनों पर पड़ा है. वंचित वर्गों से आरक्षण की सुविधा छीनी जा रही है. यही कारण है कि ये सरकार जाति के आधार पर जनगणना नहीं कराना चाहती है.

बसम नेताओं ने कहा कि मेहनतकश पर सीधा प्रहार किया जा रहा है. लेबर कानूनों में संसोधन किया जा रहा है, हर क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा लाई जा रही है. न्यूनतम मजदूरी के कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और नियमित नौकरियां अब मिलती ही नहीं हैं.

नेताओं का कहना था कि ‘समाज में द्वेष फैलाने के लिए हिंदुत्व को भारतीयता का पर्याय बताया जा रहा है. तथागत बुद्ध के देश में विवेक की जगह द्वेष, संयम की जगह उन्माद और उदारता की जगह संकीर्णता को सत्तारूढ़ शक्तियां बढ़ावा दे रही हैं. वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति पर योजनाबद्ध तरीके से प्रहार हो रहा है. तथागत बुद्ध के शांति और इंसानियत के उपदेश के विरुद्ध धार्मिक कट्टरता, पृथकतावाद और अलग-अलग समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा की जा रही है.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के जरिए ये सरकार मौलिकता, जिज्ञासा और विविधता पर आधारित शिक्षा को खत्म कर आने वाली पीढ़ियों में उन्मादी मानसिकता फैलाना चाहती है.

ऐसी विकट स्थिति में उन्होंने तथागत बुद्ध के उपदेशों को याद करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि तथागत के पंचशील के सिद्धांतों का स्मरण आज समाज की प्राथमिक जरूरत बन गयी है.

उन्होंने पंचशील के प्रमुख तत्वों को गिनाते हुए कहा कि हिंसा न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, झूठ न बोलना, नशा न करना आदि प्रमुख अवयव हैं, और समाज के लोगों को इनका पालन करना चाहिए.

बसम कि नेताओं ने आगे बताया कि “हर घर पंचशील”,“हर गांव पंचशील” मुहिम के माध्यम से सभी मानवता में विश्वास रखने वाले व्यक्ति व संगठन से आग्रह करना चाहते हैं कि वे अपने-अपने घर, अपने-अपने गांव में पंचशील लगाए जिससे समाज में सौहार्द, एकता व खुशहाली का संदेश जाए.

उन्होंने कहा कि हमें पूरा-पूरा यकीन है, हम सब मानवता को बचाने की इस लड़ाई को मिलकर लड़ेंगे और जरूर कामयाब होंगे.

( बसम द्वारा जारी प्रेस रिलीज के आधार पर)

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