https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/12/Pather-Panchali-1.jpg

बांग्ला फ़िल्में: थर्ड वर्ल्ड सिनेमा, समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलन का प्रभाव – Part-3

By मनीष आज़ाद जैसे राजनीति में बांग्ला ने एक दिशा दिखाई, वैसे ही सिनेमा में भी इसने दिशा दिखाई। हम सभी मानते हैं कि 1955 में सत्यजीत रे की ‘पाथेर …

बांग्ला फ़िल्में: थर्ड वर्ल्ड सिनेमा, समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलन का प्रभाव – Part-3 पूरा पढ़ें