थर्ड वर्ल्ड सिनेमा, समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलनों का डाक्यूमेंट्री पर प्रभाव: Part-6

By मनीष आज़ाद 1960 से पहले डाक्यूमेंट्री यानी ‘दस्तावेजी फ़िल्मों’  में उतना काम नहीं था। ज़्यादातर सरकार के सहयोग से उसी तरह की डाक्यूमेंट्री बनती थी, जो पहले आप पिक्चर …

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हिंदी सिनेमा पर समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलन का प्रभाव : Part-5

By मनीष आज़ाद हिंदी पर आते हैं। तकनीकी रूप से देखें तो 1966 में बनी ‘भुवन शोम’ (मृणाल सेन) और 1969 में बनी ‘उसकी रोटी’ (मणि कौल) से समानांतर सिनेमा …

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समानांतर सिनेमाः गैर तेलुगु लोगों द्वारा बनाई गईं तेलुगु फ़िल्में : Part-4

By मनीष आज़ाद अब हम आते हैं तमिल सिनेमा पर। तमिल सिनेमा में समानान्तर सिनेमा उस तरीके से नहीं आया। उसका एक बड़ा कारण शायद यह था कि तमिल सिनेमा …

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समानांतर सिनेमा का आंदोलन और मलयालम सिनेमा का योगदान : Part-2

By मनीष आज़ाद भारतीय फ़िल्मों और उस पर नक्सलबाड़ी आन्दोलन के असर की बात करें तो मलयालम फ़िल्मों पर उसका गहरा असर दिखता है। यहाँ एक बड़ा नाम ‘जॉन अब्राहम’ …

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थर्ड वर्ल्ड सिनेमा, समानांतर सिनेमा और सामाजिक आन्दोलन का प्रभाव- Part-1

By मनीष आज़ाद सिनेमा का जिस तरीके से जन्म हुआ है, जिस तरीके से इसका विकास हुआ है, उस रूप में यह एक वैश्विक कला (global art) है। इसलिए दुनिया …

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