ओल्ड पेंशन स्कीम के समर्थन में किसान संगठन, हरियाणा में लाठीचार्ज की कड़ी निंदा

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ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज की किसान संगठन ने कड़ी निंदा की है और ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को जायज ठहराया है।

भाकियू असली के नेता प्रबल प्रताप शाही ने कहा, “अगर देश व जनता के लाखों करोड़ रुपये नरेंद्र मोदी अपने मित्र अडानी को रेवड़ी की तरफ बांट सकते, तो देश के गांव एव किसान परिवारों के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लागू करने में क्या दिक्कत है। ”

यूनियन ने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों पर चंडीगढ़ में पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों के पुरानी पेंशन लागू करने की मांग का समर्थन किया है।

गौरतलब है कि भाकियू असली संयुक्त किसान मोर्चा का सदस्य संगठन है। इसने कृषि विरोधी तीन कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर विशाल मोर्चा लगाकर प्रदर्शन किया था।

भाकियू असली ने अभी हाल ही में यूपी में गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर एक महीने तक प्रदर्शन किया और योगी सरकार पर गन्ना का मूल्य तय न करने का आरोप लगाया।

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क्या है मामला?

हरियाणा में करीब 70 हजार सरकारी कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली को लेकर पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

बीते रविवार, 19 फ़रवरी को हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें तथा आंसू गैस के गोले छोड़े। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच भी कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा।

पेंशन बहाली समिति के प्रवक्ता प्रवीण देशवाल ने दावा किया कि 70 हजार कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए।

उन्होंने कहा, “लगभग 70,000 कर्मचारी आज विरोध करने के लिए एकत्र हुए हैं। राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। यहां भाजपा सरकार कर्मचारियों से बात नहीं करती है। हम अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे।”

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