बजट पूर्व वर्चुअल मीटिंग पर ट्रेड यूनियनों ने निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के  बजट के लिए इनपुट और सुझाव के लिए शुक्रवार , 25 नवम्बर को  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ दिल्ली में एक पूर्व-बजट बैठक की।

यह बैठक वर्चुअल थी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री  सीतारमण के अलावा राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ-साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी व भागवत कराड, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के विभिन्न अंगों के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन व अन्य मौजूद रहे। 

जिसे लेकर देश के बड़े यूनियनों ने कड़ा विरोध प्रकट करते हुए वित्त मंत्री के नाम के पत्र लिखा है। ऐसी ही एक वर्चुअल बैठक ट्रेड यूनियनों के साथ 28 नवंबर, 2022 को प्रस्तावित  है।

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पत्र लिखकर जताया विरोध

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से वित्त मंत्री को पत्र लिखकर वर्चुअल तरीके से प्री-बजट मीटिंग किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की गई  है। यूनियनों का कहना है कि अब  जब कोरोना बंदिशों में पूरी तरह से छूट दे दी गयी है, इसके बाद भी वर्चुअल तरीके से ये बैठक क्यों  बुलाई गई है?

यूनियनों ने इस बात पर भी आपत्ति जाहिर की है कि प्री-बजट कसंलटेशन में सिर्फ 12 ट्रेड यूनियन हिस्सा ले रही हैं।

ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों को बजट पूर्व परामर्श बैठक के लिए 75 मिनट के लिए सुबह 11:00 बजे से दोपहर 12.15 बजे के बीच का इतना काम समय क्यों दिया गया है?

ट्रेड यूनियनों ने अपने पत्र में लिखा गया है कि, श्रम मंत्रालय के मुताबिक देश में कुल 12 मजदूर संगठन हैं और अगर रिवाज के हिसाब से शुरुआती भाषण को इसमें जोड़ लिया जाए तो हर एक ट्रेड यूनियन को अपनी बात रखने के लिए मात्र 5 मिनट या उससे कम का समय दिया गया है।

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फिजिकल बैठक की मांग

सेंट्रल ट्रेड यूनियनों  द्वारा वित्त मंत्री को लिखे पत्र में फिजिकल बैठक की मांग भी की है।

यूनियनों का कहना है –

श्रम संगठनों जैसे प्रमुख स्टेकहोल्डर्स , जो समाज के सबसे प्रोडक्टिव वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, और  जो वास्तव में जीडीपी और अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा वैल्यू क्रिएट कर रहे हैं, उनके साथ  लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में इस प्रकार वर्चुअल  बैठक करना कहां तक ये तर्कसंगत है?  ऐसे में हम सरकार के इस  रवैये और  दृष्टिकोण के खिलाफ अपना जोरदार विरोध प्रकट करते हैं।

ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री से फैसले पर पुनर्विचार करने  का आग्रह करते हुए कहा  है कि ट्रेड यूनियनों के साथ बजट पूर्व बैठक में प्रभावी परामर्श के लिए उचित समय-आवंटन के साथ आमने-सामने बैठकर बातचीत किया जाए।

वित्त मंत्री को ये पत्र भारतीय मजदूर संघ को छोड़   इंटक (INTUC) एटक (AITUC) एचएमएस ( HMS) सीटू ( CITU ) समेत 10 संगठनों की तरफ से लिखा गया है।

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