अहमदाबाद के श्रेया अस्पताल में लगी आग 8 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौके पर मौत

गुजरात के अहमदाबाद में नवरंगपुरा स्थित श्रेया अस्पताल में आग लगने से आठ कोरोना मरीजों की मौके पर ही मौत हो गई।

बीबीसी गुजराती को रॉक्सी गागडेकर ने इस घटना के बारे में बताया और घटना की पुष्टी की है।

मौजुदा समय में इमारत में लोगों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है और एफएसएसएल घटना कैसे हुई इस की खोज-बीन कर रही है।

घटना के बाद विपक्ष विजय रुपाणी सरकार ने अहमदाबाद नगर निगम को घेर लिया है।

मरीज़ों के परिजनो ने अस्पताल प्रबंधन पर गैरज़िम्मेदाराना हरकत करने का आरोप लगाया है।

गुजरात पुलिस ने श्रेय अस्पताल के कर्ता-धर्ता भरत महंत को हिरासत में ले लिया है।

पीएमओ इंडिया ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए मृतकों के परिजनों को 2 लाख मुआवाजा देने का एलान किया है। और घायलो को 50,000 हज़ार देने की घोषणा की है।

राजेश भट्ट ने बीबीसी को जानकारी दी है कि, आग शार्ट सर्किट के कारण लगी, वहीं डॉक्टर दोपहर 3 बजे पीपीई किट में काम कर रहे थे। एक घंटे के भीतर आग को रोक लिया गया पर आग तेज होने के कारण 8 मरीजों की मौत हो गई।

आईसीयू वार्ड अस्पताल की आखिरी मंजिल पर स्थित है और वहां आग लग गई।

देर रात धमाका करने के लिए एक फायर फाइटर और तीन टैंकर तैनात किए गए।

 

मृतकों में 5 पुरुष मरीज और 3 महिला मरीज शामिल हैं।

अहमदाबाद के श्रेया अस्पताल में आग लगने के बाद चालीस मरीजों को एसपीवी अस्पताल में भेज दिया गया है।

राजेश भट्ट ने बीबीसी गुजराती को बताया कि सभी रोगी कोरोना संक्रमित थे।

उन्होंने यह भी कहा कि मेरे सहित ऑपरेशन में शामिल सभी फायर कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है क्योंकि हमें उनके संपर्क में आना था।

पुलिस ने घटना में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है और जांच कर रही है।

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