गुजरात में जहरीली शराब पीने से 41 की मौत, 24 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

गुजरात (Gujarat) में जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। आपको बता दें कि अब तक 41 लोगों की जहरीली शराब पीने से जान जा चुकी है। जिस राज्य में शराबबंदी लागू है वहां जहरीली शराब से लोगों की मौत पुलिस व्यवस्था पर सावला खड़े कर रहा है।

पुलिस प्रशासन के मुताबिक गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब (spurious liquor) के नाम केमिकल (Chemical) पिने से 41 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर लोग मज़दूर वर्ग के हैं, जो सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करते थे।

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इंडियाAhead में आई खबर के मुताबिक पुलिस प्रशासन के का कहना है कि गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब (spurious liquor) के नाम केमिकल (Chemical) पिने से 41 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। 70 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार है सभी को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

अब तक 41 लोगों की गई जान

बोटाद जिले में लोगों को 40 रुपए में शराब के नाम पर मिथाइल केमिकल दिया जा रहा है। इस घटना में अब तक 41 लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों का इलाज जारी है।

बताया जा रहा है कि शराब के नाम पर दिए गए पय पदार्थ में 98% से ज्यादा मिथाइल मिलाया जा रहा है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

शराब के नाम पर दिया गया मिथाइल

जानकरी के अनुसार गुजरात स्तिथ ईमोस कंपनी मिथाइल के धंधे से जुड़ी है। ईमोस कंपनी के गोदाम मैनेजर जयेश उर्फ राजू को पुलिस ने अहमदाबाद के गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के अनुसार इस मामले में राजू की संदिग्ध भूमिका बताई जा रही है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक लोगों ने 20-20 रुपये में शराब के छोटे प्लास्टिक के पैकेट खरीदे थे।

जिसको पिने के बाद लोगों कि तबीअत करब हो गयी है जिनमे से 41 लोगों कि जान भी जा चुकी है।

गुजरात में शराब से हुई मौत पर क्या बोले केजरीवाल

गुजरात में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान सामने आया है।

सीएम केजरीवाल ने गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया है।

उन्होंने आरोप लगाए हुए कहा, “इस ‘शुष्क’ राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने इस बात की जांच की भी मांग की कि जहरीली शराब की बिक्री से मिलने वाले पैसे ‘कहां जाते हैं।”

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