बिहारी मज़दूरों पर हो रहे हमलों लेकर तमिलनाडु पुलिस का क्या है कहना

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मज़दूरों के साथ कथित हिंसा को लेकर तमिलनाडु पुलिस ने गुरुवार को बयान जारी कर सफ़ाई दी है।

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से कहा था कि वे बिहारी मज़दूरों की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु के अधिकारियों से बात करें।

असल में बीती 14 जनवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें तमलनाडु के स्थानीय लोग बिहार के प्रवासी मज़दूरों के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं।

हालांकि तमिलनाडु के डीजीपी ने इसे बिहारी मज़दूरों के दो गुटों की लड़ाई बताया है।

स्थानीय मीडिया में दावा किया गया है कि डर से प्रवासी मज़दूर बिहार वापस आने की कोशिश कर रहे हैं। ख़बरों में ट्रेनों और स्टेशनों पर भारी भीड़ा होने का दावा भी किया जा रहा है।

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यह मुद्दा बिहार विधानसभा में के बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठा था।

बीबीसी के अनुसार, तिरुपुर के एसपी जी शशांक साई का कहना है कि बिहारी मज़दूरों के साथ कोई हिंसा नहीं हुई है और जो भी ख़बरें दी जा रही हैं वो सब झूठी और भ्रामक हैं। उन्होंने प्रवासी मज़दूरों के पलायन की ख़बरों को भी अफ़वाह बताया है।

तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक ने एक वीडियो संदेश जारी दावा किया कि बिहार में किसी ने सोशल मीडिया पर एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है।

उनका कहना है, “तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों के साथ कोई हिंसा नहीं हुई है। ये दोनों ही वीडियो पुराने हैं। एक वीडियो त्रिपुर का है जिसमें बिहारी मज़दूरों के दो गुटों के बीच आपस में लड़ाई हो रही है। जबकि दूसरा वीडियो कोयंबटूर का है और इसमें स्थानीय लोगों के बीच झगड़ा हो रहा है, इसका बिहारी मज़दूरों से कोई संबंध नहीं हैं।”

उनके मुताबिक, पुलिस कोशिश कर रही है कि प्रवासी मज़दूरों को किसी बात का डर न हो और मज़दूरों के गुट में आपस में भी झगड़ा न हो।

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