यूरोप में बढ़ती महंगाई के कारण ब्रुसेल्स में सरकार और EU के खिलाफ़ सड़कों पर उतरे हजारों लोग

वैश्विक आर्थिक मंदी  के कारण बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से आज यूरोप सहित पूरी दुनिया  में हाहाकार मचा हुआ है। ब्रिट्रेन, यूनान सहित  यूरोप के कई देशों में लोग इस बढ़ती महंगाई के कारण लगातार सरकारों के खिलाफ़ विरोध  प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी महंगाई के खिलाफ़ शुक्रवार, 16 दिसंबर  को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में  हजारों लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया जिसके चलते वहां की  सार्वजानिक परिवहन व्यवस्था पर भी असर पड़ा है।

ब्रुसेल्स में कल हजारों लोगों ने  बढ़ती महंगाई  के  लिए  यूरोपीय यूनियन, वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम, मीडिया और  राजनैतिक दलों के खिलाफ़  प्रदर्शन किया।

समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के अनुसार  लोगों ने इस सप्ताह होने वाले यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन को बाधित करने और सरकारों को चेतावनी देने के लिए इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था।

ब्रुसेल्स पुलिस के हवाले से कहा गया है कि  बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी  के खिलाफ  ट्रेड यूनियनों  द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में  सार्वजानिक क्षेत्र के  श्रमिक यूनियनों  के नेता और प्रतिनिधियों के  साथ करीब 16, 500 लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारी बेहतर वेतन और सुरक्षित कार्य स्थिति की मांग कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में तरह-तरह  के बैनर और पोस्टर थे। एक बैनर पर लिखा हुआ था- “मजदूरी और पेंशन बढ़ाओ।”

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यूरोपी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेल्जियम सहित यूरोप के अन्य देशों में  जीवन की बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में  भारी वृद्धि हुई है और  यूई बैंक ने भी  ब्याज दर में इजाफ़ा कर दिया है। लोगों का कहना है कि भले ही इसके लिए रूस और यूक्रेन युद्ध को कारण बताया जा रहा है  लेकिन यहाँ  यूरोप में लोग अच्छा खाना, गैस तक नहीं खरीद पा रहे हैं। मकान का किराया नहीं दे पा रहे हैं। सरकार और यूरोपीय यूनियन  को इन बातों का जवाब देना होगा।

गौरतलब है कि इंग्लैंड में भी हालात बहुत बदतर है और वहां भी लोग  ठीक से एक वक्त का खाना नहीं खरीद पा रहे हैं और इसके विरोध में वहां लगातार हड़ताल और प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूप पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं  जिसमें गैस, गेंहू और पेट्रोलियम भी शामिल हैं।  इस  महंगाई और कमी के पीछ यह भी एक कारण है।

बेल्जियम में  प्रदर्शनों का यह सिलसिला बीते कई महीनों से जारी है। नवंबर के आखिर में भी वहां बड़ा प्रदर्शन हुआ था।  इंग्लैंड में भी  पूरा दिसंबर हड़तालों का महीना होने को है। वहां रेल से लेकर डाक और नर्सिंग सेवाएं बड़े पैमाने पर प्रभावित होने वाली है।

हैरानी की बात यह है कि पूरा यूरोप महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलनरत है,  वहीं  अपने देश में भी मजदूर लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यहाँ  की  कथित मुख्यधारा की मीडिया में  कहीं कोई खबर नहीं है!

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