DTC कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, यूनियन ने प्रदर्शन कर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कर्मचारियों को नवम्बर के महीने का वेतन नहीं मिला है। इतना ही नहीं DTC पेंशनधारकों को पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके चलते ऐक्टू से सम्बद्ध डीटीसी कर्मचारियों की यूनियन “डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर” के आह्वान पर सोमवार, 12  दिसंबर  को  दिल्ली परिवहन निगम के विभिन्न डिपो के बाहर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया।

यूनियन ने DTC प्रबंधन और दिल्ली सरकार को जल्द वेतन भुगतान न करने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

ठेका कर्मचारियों ने डीटीसी डिपो के बाहर गेट मीटिंग कर प्रबंधन और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। समय पर वेतन न मिलने के कारण हज़ारों कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) के महासचिव राजेश कुमार का कहा कि “देश की राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को चलाने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलना अत्यंत दुख की बात है।”

जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, यूनियन का आरोप है कि डीटीसी प्रबन्धन और दिल्ली सरकार दोनों ही दिल्ली परिवहन निगम के कर्मचारियों की मांगों के प्रति लगातार उदासीनता अपनाएं हुए हैं। इसी प्रकार के अड़ियल और मज़दूर-विरोधी रवैये के चलते पूर्व में भी कर्मचारियों को धरना-प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक करना पड़ा है।

आये दिन दिल्ली नगर निगम (MCD) के कर्मचारियों को वेतन नही मिलने की खबरें आती रही हैं। राजेश का कहना है कि DTC ठेका कर्मचारियों को डर है कि दिल्ली परिवहन निगम की स्थिति भी MCD ठेका कर्मचारियों जैसी न हो जाये।

डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) कि मांग है कि सरकार और प्रबंधन को तत्काल सभी कर्मचारियों का वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन रिलीज़ करनी चाहिए।

यूनियन का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन को सुचारू रूप से चलाने की ज़िम्मेदारी जितनी कर्मचारियों की है उतनी ही सरकार की भी है, परन्तु सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रही है।

ज्ञात हो कि DTC के ठेका कर्मचारी बीते लम्बे समय से स्थाई काम पर स्थाई काम की मांग भी कर रहे हैं। यूनियन का कहना है कि ठेका कर्मचारियों को पक्का करने और डीटीसी के बसों की संख्या बढ़ाने की मांग को प्रबंधन और दिल्ली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। साथ ही यूनियन में निगम कर्मचारियों में डीटीसी के निजीकरण को लेकर भी काफी असंतोष है।

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DTC ठेका कर्मचारियों का आरोप है कि डीटीसी के बढ़ते निजीकरण और प्रबंधन में मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों के चलते ही वर्तमान में डीटीसी की हालत इतनी खराब है। यह बहुत दुख की बात है कि जितनी तत्परता से राजधानी दिल्ली में विभिन्न दलों ने निगम चुनावों में ताकत और पैसा लगाया, उतनी तत्परता से वो जनपरिवहन को बचाने हेतु आवाज़ नही उठा रहे हैं।

डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (ऐक्टू) ने प्रबंधन और दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो यूनियन बड़े प्रदर्शन की बढ़ने के लिए मजबूर हो जाएगी।

गौरतलब है कि कल सुबह से ही DTC ठेका कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने प्रबंधन और दिल्ली सरकार को तत्काल वेतन भुगतान न होने पर बड़े आंदोलन के चेतावनी दी है।

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