महाराष्ट्र : डेयरी कंपनी लैक्टैलिस के कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और स्थाई रोज़गार की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

दुनिया की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी लैक्टैलिस की सनफ्रेश एग्रो इंडस्ट्रीज कामगार संगठन प्रभात/लैक्टैलिस इंडिया वर्कर्स यूनियन ने बेहतर वेतन और सुरक्षित रोज़गार की मांग को लेकर महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया।

यूनियन का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन द्वारा यूनियन के झंडे हटा दिया गया है और यूनियन को गेट मीटिंग करने से भी रोका गया है जिसके बाद कर्मचारियों ने विरोध में प्रदर्शन किया।

यूनियन ने निर्णय लिया है कि वह प्रदर्शन को जारी रखेंगे।

कर्मचारियों का आरोप है कि, अधिग्रहण के कुछ सालों के बाद भी कुछ नहीं बदला। उनका कहना है कि लैक्टैलिस भी प्रभात डेयरी के उसी रास्ते पर चल रहा है जहां कर्मचारी पहले भी कम वेतन और असुरक्षित रोज़गार से पीड़ित थे और आज भी हैं।

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मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में प्रभात डेयरी की दो इकाइयां श्रीरामपुर और वाशी इकाई में संचालित हैं और दोनों ही इकाइयों के कर्मचारी वेतन वृद्धि और काम के दौरान मिलने वाली सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि दोनों ही इकाईयों में कर्मचारियों के साथ काम के दौरान गंभीर हादसे हुए हैं लेकिन प्रबंधन का रवैया जस का तस बना हुआ है।

यूनियन का आरोप है कि कंपनी कर्मचारियों के साथ वास्तविक चर्चा किये बिना ही अपना ऑडिट पूरा कर रही हैं। उनका कहना है कि प्रभात डेयरी की दो इकाइयां अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सप्लायर भी हैं लेकिन सप्लायर चैन के किसी भी नियम का यहां पालन नहीं किया जाता है। इसलिए प्रबंधन भी कर्मचारियों के इस सम्बन्ध में चर्चा करना जरुरी नहीं समझता है।

कर्मचारियों का यह भी दावा है कि इकाई प्रबंधन लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसलिए यूनियन की मांग है कि कंपनी की तत्काल लैक्टैलिस वैश्विक प्रबंधन द्वारा जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कर्मचारियों को नुकसान न उठाना पड़े।

इतना ही नहीं यूनियन का यह भी आरोप है कि कंपनी में महामारी के दौरान बीमार हुए वर्कर्स को चिकित्सा सहायता का वादा किया था। लेकिन प्रबंधन ने इन चिकित्सा बिलों को कर्मचारियों के अकाउंट ने एडवांस के रूप में दिखाया है और कंपनी कर्मचारियों द्वारा ही इस राशि को चुकाने की उम्मीद कर रही है।

इतना ही नहीं जहां एक तरफ कर्मचारियों को कम वेतन दिया जा रहा है वहीं प्रबंधन और अस्पताल की मिलीभगत के कारण कर्मचारियों पर चिकित्सा बिलों का भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है।

यूनियन का कहना है कि यूनिट प्रबंधन ने चिकित्सा बिलों पर सामूहिक सौदेबाजी समझौते पर बातचीत करने से इनकार कर दिया और यूनियन सदस्यों के खिलाफ अवैध कार्रवाई शुरू कर दी और शांतिपूर्ण विरोध कार्रवाई से रोकने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के वेतन काट लिए गए है।

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गौरतलब है कि तिरुमाला डेयरी और अनिक डेयरी के अधिग्रहण के बाद, 2019 में लैक्टैलिस ने प्रभात डेयरी का अधिग्रहण किया था। जिसके बाद से प्रभात डेयरी के कर्मचारियों ने अपने परिवारों के बेहतर भविष्य की आशा जगा दी थी।

लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी लैक्टैलिस भी कर्मचारियों अन्य कंपनियों की तरह ही व्यवहार कर रही है यह बहुत हैरानी की बात है। अब देखने वाली बात है क्या यूनियन के इस प्रदर्शन के बाद प्रबंधन के ऊपर कोई फर्क पड़ेगा।

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