MCD polls: दिल्ली में आम आदमी पार्टी जीती, क्या कर्मचारियों के साथ वायदा निभाएगी AAP?

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/12/MCD-poll-win-by-aap.jpg

By शशिकला सिंह

दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा फेरबदल करते हुए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को पांच साल में स्वच्छ करने, नगर निगम के ठेका सफ़ाई कर्मचारियों को नियमित करने, उन्हें समय से सैलरी दिलाने जैसे बड़े बड़े वादे कैसे और कबतक पूरा करती है।

निगम की कुल 250 सीटों में AAP ने 134 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी के खाते में 104 सीटें आईं जो पिछले 15 साल से एमसीडी पर एकछत्र राज्य बनाए हुए थी।

कांग्रेस ने 9 वॉर्ड में जीत हासिल की है, जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई है।

2017 के एमसीडी चुनाव की बात करें तो उस समय बीजेपी ने तीन निगमों में जीत हासिल की थी। सभी तीन नगर निगमों- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की 272 सीटों में से 181 सीटों पर  जबकि AAP 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही और 31 वार्डों में जीत के साथ तीसरे स्थान पर।

उल्लेखनीय है कि एमसीडी चुनाव को लेकर बीजेपी का असमंजस बना हुआ था। चुनाव से पहले तीनों नगर निगमों को एक किया गया। परिसीमन के बाद वॉर्ड संख्या भी घटी और एमसीडी में 250 वॉर्ड तय हुए।

दिल्ली एमसीडी चुनाव में इस साल रविवार (4 दिसंबर) को हुए मतदान के दौरान 50.47% कम मतदान हुआ था।

ये भी पढ़ें-

सोशल मीडिया पर टिप्पणी

MCD चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है। उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, “लगातार चौथी बार भी इतनी सीटें बीजेपी को दे कर जो दिल्ली की जनता ने विश्वास दिखाया है उन सभी भाई बहनों को धन्यवाद और कार्यकर्ताओं का आभार ..”

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विट कर लिखा है कि हमारे लिए ये सिर्फ़ जीत नहीं बड़ी ज़िम्मेदारी है।

सिसोदिया ने लिखा है कि “दिल्ली MCD में आम आदमी पार्टी पर भरोसा करने के लिए दिल्ली की जनता का दिल से आभार…दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे नेगेटिव पार्टी को हराकर दिल्ली की जनता ने कट्टर ईमानदार और काम करने वाले अरविंद केजरीवाल को जिताया है।”

सोशल मीडिया पर इस बात पर चर्चा हो रही है कि चाहे MCD में AAP ने बहुमत हासिल किया हो, लेकिन मेयर तो BJP का ही होगा!

MCD चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद हर पार्टी ने अपनी प्रतिकिया दी है। BJP को इस बात की ख़ुशी है कि उसने 100 से ऊपर का आंकड़ा पर किया है।

ये भी पढ़ें-

आप का चुनावी वादा

MCD चुनाव में जीत हासिल करने के लिए आम आदमी पार्टी ने जनता से कई लुभावने वादे किये थे।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर आम आदमी पार्टी  नगर निगम चुनाव जीतती है, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बेहतर साफ-सफाई हो। साथ ही सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय से किया जायेगा और सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा।

दिल्ली को पांच साल में स्वच्छ करने के वादे के साथ सिसोदिया ने दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को ख़त्म करने का वादा भी किया था।

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 2013 में पहली बार सत्ता में आने से पहले सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के वोट हासिल करने के लिए इसी तरह का वादा किया था।

दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में ठेका योजनाओं के तहत डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों सहित लगभग एक लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।

‘आप’ ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU) ने आरोप लगाया है कि “आप नेताओं ने सत्ता में आने से पहले दिल्ली में सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है।

ये भी पढ़ें-

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/02/DTC-workers-in-Ptiala.jpg

आठ साल से डीटीसी कर्मचारी इंतज़ार में

जहां एक तरफ AAP की सरकार लगातार उन्हें नियमित करने और समय वेतन सुनिश्चित सुनिश्चित करने के दावे कर रही है वहीं दूसरी तरफ लंबे समय से दिल्ली सरकार द्वारा निजीकरण और नौकरियों में ठेका प्रथा को बढ़ावा देने के खिलाफ नवम्बर 2022 को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के ठेका कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था।

DTC के ठेका कर्मचारियों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने DTC के ठेका कर्मचारियों को मिलने वाली ESI की सुविधा को बंद कर दिया है। इतना ही नहीं डिपो मैनेजमेंट द्वारा ठेका कर्मचारियों के मनमाने ढंग से काम लिया जा रहा है।

इससे पहले फरवरी 2022 में ऐक्टू से सम्बद्ध दिल्ली परिवहन निगम में सक्रिय यूनियन – ‘डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर’ ने दिल्ली सरकार के ‘झूठे वादों’ की सच्चाई पंजाब की जनता के सामने लाने का अभियान शुरू किया था।

इस दौरान कर्मचारी यूनियन ने इस बात पर सख्त ऐतराज़ जताया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मज़दूरों-कर्मचारियों की बात सुनने तक को तैयार नही हैं, जबकि दूसरे राज्यों में तमाम चुनावी वादे कर रहे हैं।

उनका कहना है इस मुद्दे पर यूनियन के साथ ठेका कर्मचारियों ने भी अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”

उन्होंने कहा कि 15 सालों से दिल्ली नगर निगम में भाजपा की सरकार है। शहर को साफ रखने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में एमसीडी विफल रही है।

ये भी पढ़ें-

परेशान सफाई कर्मचारी और आंगनबाड़ी वर्कर्स

गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम में बीते 25 सालों से काम कर रहे ठेका कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है। सफाई कर्मचारियों ने नियमित करने की मांग को लेकर सैकड़ों बार प्रदर्शन भी किया है।

बीते जून के महीने में एक प्रदर्शन के दौरान MCD स्वच्छता कर्मचारी यूनियन के सदस्य, नवीन ने वर्कर्स यूनिटी से बातचीत में कहा था कि “हम लोगों ने कई बार अपना माँग पत्र सरकार को सौंपा है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है, इसी कारण हम लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।”

उनका आरोप था कि सरकार उनकी मांगों की तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही है।

बीते 15 अक्टूबर को भी दिल्ली नगर निगम के ठेका सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी। दिल्ली नगर निगम समस्त यूनियन कोर कमिटी के प्रेजिडेंट संत लाल चावरिया ने बताया था कि वे (सफाईकर्मी) कई बार निगम अधिकारियों के आश्वासन के बाद हड़ताल को स्थगित कर देते हैं या खत्म कर देते हैं, लेकिन जो आश्वासन अधिकारी देते हैं, उन्हें पूरा नहीं किया जाता। आज भी 20 साल से अधिक समय से कर्मचारी स्थायी होने की राह देख रहे हैं।

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/07/Anganwadi-workers-Mahapadav.jpg

पिछले साल आशा और आंगनबाड़ी वर्करों का बहुत बड़ा धरना प्रदर्शन मुख्यमंत्री आवास के सामने हुआ था। जिसके बाद क़रीब 900 स्कीम वर्करों को दिल्ली सरकार ने बर्ख़ास्त कर दिया था। उनका संघर्ष आज भी जारी है।

केजरीवाल सरकार का तर्क रहा है कि एमसीडी में भारी घोटाला होने के कारण कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं मिलती, उनकी नौकरी की सुरक्षा भी नहीं है। अगर एमसीडी में वे आ गए तो सब ठीक हो जाएगा।

लेकिन इस सवाल का जबाव शायद ही उनके पास है कि आशा, आंगनबाड़ी और मिड डे मील वर्करों के लिए उन्होंने अभी तक क्यों कुछ नहीं किया?

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.