केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयान पर बोले राकेश टिकैत, ”किसान मवाली नहीं, अन्नदाता हैं”

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तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई महीनों से धरने पर बैठे किसानों को लेकर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अपमानजनक बयान दे डाला। उन्होंने तैश में आकर किसानों को मवाली कह दिया।

किसानों पर दिए इस बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलत है। हम किसान हैं, मवाली नहीं। किसान जमीन के ‘अन्नदाता’ हैं। उनके बारे में ऐसी बाते नहीं होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी पर निराशा जाहिर करते हुए किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि ऐसी टिप्पणी भारत के 80 करोड़ किसानों का अपमान है। अगर हम गुंडे हैं तो मीनाक्षी लेखी को हमारे द्वारा उगाए गए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने उनके बयान की निंदा करते हुए ‘किसान संसद’ में एक प्रस्ताव पारित किया है।

वहीं आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के आठ महीन में सरकार ने किसानों को दिल्ली में आकर अपनी बात रखने की अनुमति दी है।  सरकार किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है, लेकिन हम हार नहीं मानने वाले। जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे आंदोलनकारी डटे रहेंगे। केंद्र को कानूनों को वापस लेना ही होगा।

भाकियू नेता ने कहा कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। अन्नदाताओं ने दिल्ली का रास्ता देख रखा है। जब तक संसद का यह सत्र चलेगा यहां 200 किसान रोज आएंगे और अपनी मांग को रखेंगे। जिस प्रकार देश के संसद में प्रस्ताव पास होते हैं उसी प्रकार किसान संसद में भी प्रस्ताव पास होंगे जिन्हें सरकार को मानना होगा।

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