किसान आंदोलन में अबतक 310 किसानों की मौत हुई

26 अप्रैल के भारत बंद और देश भर में किसानों के प्रदर्शनों पर अपनी बात रखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ” दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरनों को कल 4 महीने हो गए। किसानों ने हर मौसम में अपने आप को मजबूत रखा है व तीन कृषि कानूनो के खिलाफ व MSP के लिए अपनी लड़ाई को शांतमयी रहते हुए तेज किया है।”

किसान मोर्चा ने कहा कि ” इस दौरान 310 के करीब किसान शहीद हुए है। सैंकड़ो किसान सड़क दुर्घटना व अन्य कारणों से बीमार भी हुए है। ऐसे वातावरण में सरकार का किसानों के प्रति अमानवीय व्यवहार रहा है जहां उसने अपने किसानों को दरकिनार करके रखा है।”

मालूम हो कि किसानों  का ये आंदोलन सिर्फ 4 महीने नहीं बल्कि पंजाब व कई अन्य हिस्सों में यह आंदोलन तब ही शुरू हो गया था जब ये तीन कृषि कानून ऑर्डिनेंस के रूप मे लाये गए थे।

पंजाब के किसानों ने अगुवाई करते हुए इस आंदोलन में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि ” इस आंदोलन की सबसे बड़ी ताकत  यह रही है कि ये आन्दोलन शांतमयी रहा है और किसानों ने सब्र संतोष के साथ आन्दोलन के हर पड़ाव में ज़ोर से अपनी ताकत दिखाई है। किसान नेताओ ने भी हर जगह इसी बात पर ज़ोर दिया है कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।”

किसान मोर्चा के नेताओं के मुताबिक ”  भाजपा व उसके सहयोगी दलों के नेता इस आंदोलन व किसानों के खिलाफ बयानबाजी से किसानों को उकसाते रहे है। इन नेताओं द्वारा शहीद किसानों तक का अपमान किया गया। इन सब के कारण व कृषि कानूनो के विरोध के संदर्भ में किसानों ने भाजपा व इसके सहयोगी दलों के नेताओ का सामाजिक बहिष्कार किया हुआ है।”

पंजाब में भाजपा के एक विधायक के साथ हुई हिंसा के संदर्भ में बात रखते हुए किसान मोर्चा ने कहा कि “विपरीत परिस्थितियों में किसानों का यह आंदोलन हिंसक हुआ व विधायक के साथ शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार हुआ। यह अफसोस की बात है कि एक चुने हुए प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते है व इस तरह के व्यवहार को प्रोत्साहित नहीं करते हैं।”

किसान नेताओं ने कहा कि ”  हम इस घटना की की जिम्मेदार भाजपा व उसके सहयोगी दलों को मानते है। भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप अपने अहंकार में चूर है व किसानों की समस्याओं का हल करने की बजाय चुनावी राज्यों में व्यस्त है। सरकार के इस व्यवहार का खामियाजा क्षेत्रीय नेताओ को भुगतना पड़ रहा है। ”

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ”  हम सभी किसानों से अपील करना चाहते है कि अब तक शांतमयी चल रहे आन्दोलन को इसी तरह शांतिपूर्ण बनाये रखे। किसान आंदोलन अब दिल्ली की सीमाओं से देश के कोने कोने में फैल रहा है। किसानों का यह ऐतिहासिक आंदोलन ज़रूर सफल होगा।”

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