होंडा ने ग्रेटर नोएडा का कार प्लांट बंद किया, 1000 वर्करों की नौकरी पर संकट

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देश की अग्रणी कार कंपनियों में से एक होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने दिसम्बर में अपने ग्रेटर नोएडा प्लांट को 23 साल बंद कर दिया है।

ग्रेटर नोएडा का होंडा प्लांट 150 एकड़ जमीन में बना है, जहां हज़ारों कर्मचारी काम करते थे। अब यहां केवल आरएंडी डिपार्टमेंट और कारपोरेट आफिस रहेगा।

प्लांट में लॉकडाउन के बाद से ही उत्पादन कार्य लगभग ठप पड़ा था और अब कंपनी ने शट डाउन की घोषणा कर दी है। हालांकि कंपनी का आरएंडी का विभाग अपना काम जारी रखेगा।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, मशीनों को राजस्थान के टपूकड़ा औद्योगिक क्षेत्र में पहले से मौजूद कंपनी के प्लांट में शिफ़्ट कर दिया गया है।

ग्रेटर नोएडा प्लांट से कर्मचारियों को टपूकड़ा प्लांट ट्रांसफ़र कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्लांट बंद होने से ग्रेटर नोएडा प्लांट में कर्मचारियों की संख्या घटकर 1000 रह गई थी, जबकि यहां 2000 वर्कर काम करते थे। शट डाउन की स्थिति में कुछ वर्करों ने वीआरएस लेने का विकल्प चुना है।

टपूकड़ा प्लांट में सालाना एक लाख 80,000 कारें बनती हैं। ग्रेटर नोएडा के प्लांट में 1997 में प्रोडक्शन शुरू हुआ था, तब इसकी क्षमता 30,000 कारें बनाने की थी।

हालांकि कारपोरेट मीडिया में ये कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण सेल्स में गिरावट की वजह से कंपनी ने ये कदम उठाया है लेकिन हकीक़त ये है कि इस नवंबर में होंडा कार की सेल्स में 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

हिंदू अख़बार के अनुसार, नवंबर 2019 में जहां 6,459 कारें बिकीं वहीं इस साल नवंबर में 9,990 कारें बिकीं।

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