ओल्ड पेंशन स्कीम: रक्षा संघों ने जंतर-मंतर पर किया जोरदार प्रदर्शन

देशभर में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किये जा रहे हैं। इसी सम्बन्ध में सोमवार को देश कि राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर स्थल पर अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के बैनर तले लगभग 3,000 नागरिक सुरक्षा कर्मियों ने धरना दिया।

कर्मचारी संघ कि मांग है कि नई पेंशन योजना (NPS) को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।

रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न यूनियनों के एक छत्र संगठन AIDEF ने मंत्रियों राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और जितेंद्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि NPS के तहत कर्मचारियों को सेवा अवधि के पुर लाभ नहीं मिल पा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला

द हिंदू से मिली जानकारी के मुताबिक कर्मियों ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर पुरानी पेंशन दोबारा से लागू नहीं की गई, तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। ये कर्मियों का हक है।

एआईडीईएफ महासचिव सी. श्रीकुमार ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया है। इस फैसले में कहा गया है कि पेंशन न तो एक इनाम है, और न ही अनुग्रह की बात है, जो कि नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर हो।

ये भी पढ़ें-

आप को बात दें कि कुछ महीनों पहले केरल हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि पेंशन (Pension) का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार (Constitutional Rights) है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान केवल नियोक्ताओं की मर्जी से नहीं किया जा सकता है।

जस्टिस वी जी अरुण ने कहा कि पेंशन आस्थगित वेतन है और इसका अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 300 ए के तहत संपत्ति के अधिकार के समान है।

कोर्ट ने कहा, “पेंशन अब नियोक्ता की मर्जी और पसंद के हिसाब से भुगतान किया जाने वाला इनाम नहीं है। दूसरी ओर, पेंशन आस्थगित वेतन है, जो अनुच्छेद 300ए के तहत संपत्ति के समान है।

साथ ही कोर्ट में बताया था कि पेंशन का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है। एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को कानून के अधिकार के बिना इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।”

उनका कहना है कि केंद्र ने सैनिकों के लिए भी पेंशन रोकने का फैसला किया है। “हम मांग कर रहे हैं कि रक्षा क्षेत्र में असैन्य कर्मचारियों को पुरानी योजना के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए। क्योंकि सेना, नौसेना और वायु सेना में सैनिक अब लाभ उठा रहे हैं। इस सभी मांगों को लेकर इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।

सीटू, एटक, इंटक और एचएमएस जैसे विपक्षी ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने विरोध सभा को संबोधित किया।

‘NPS के तहत मिलती है मामूली राशि’

रक्षा क्षेत्र में लगभग चार लाख असैन्य कर्मचारी हैं और 436 यूनियन AIDEF से संबद्ध हैं। कर्मचारी संघ में अपने ज्ञापन में बताया है कि एनपीएस के तहत AIDEF में 18 साल की सेवा के बाद कर्मचारियों को प्रति माह मात्र 2,500 रुपए से 5,000 रुपए की मामूली पेंशन मिलती है। अगर वे पुरानी योजना के तहत सेवानिवृत्त होते, तो उन्हें अंतिम वेतन के आधार पर प्रति माह 17,000 रुपए से अधिक की मासिक पेंशन मिलती।

इतना ही नहीं NPS में मुद्रास्फीति / मूल्य वृद्धि के मुआवजे का भी कोई जिक्र नहीं है जबकि OLD में मूल्य वृद्धि की भरपाई साल में दो बार डीए वृद्धि से की जाती है।

ये भी पढ़ें-

गौरतलब है कि देश के कई राज्य जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में राज्य सरकार ने NPO को खत्म क्र दिया है और OPS को लागू करने का फैसल ले लिया है।

साथ ही कई राज्य सरकारें एनपीएस को वापस लेने की तैयारियां कर रहे हैं। पुरे देश में पश्चिम बंगाल ही मात्र एक ऐसा राज्य है, जिसने NPS को शुरू ही नहीं किया गया था।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.