इस्पात संयंत्र के निजीकरण के पीछे धर्मेंद्र प्रधान का है हाथ- स्थानीय मंत्री

आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्री मुत्तमसेट्टी श्रीनिवास राव ने मांग की है कि विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र (वीएसपी) के निजीकरण के फैसले को केन्द्र सरकार वापस ले।

मालूम हो कि विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण की घोषणा होने के बाद से ही स्थानीय लोगों रोष व्यापत है और लोगों ने सरकार के फैसले का विरोध करना शुरु कर दिया है।

शुक्रवार को यहां कुरमनपल्लीम में आयोजित विरोध प्रदर्शन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि “देश के सबसे बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक वीएसपी की स्थापना लंबे संघर्षों और 32 व्यक्तियों के अपने जीवन का त्याग करने के बाद की गई थी। आंध्रप्रदेश केंद्र को सबसे ज्यादा कर का भुगतान करने वाले राज्यों में है उसमें ऐसे संयंत्रों की ही मुख्य भूमिका है।”

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने वीएसपी के निजीकरण के प्रस्ताव के पीछे  केंद्र में इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का हाथ होने का आरोप लगा रहे है।

लोगों का कहना है कि वो कि सरकारी फरमान का विरोध करते हुए एक बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।

वही स्थानीय विधायक ने कहा कि “केंद्र के इस फैसले के विरोध में सरकार विधानसभा में विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को तमिलनाडु के लोगों से प्रेरणा चाहिए, जो जरूरत पड़ने पर एकजुट होकर केंद्र के खिलाफ लड़ते हैं।”

विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओं, कर्मचारियों व मजदूरों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

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