जंगली जानवरों के हमले से परेशान लोगों ने घेरा टाइगर रिजर्व के निदेशक का कार्यालय,लगाया सुरक्षा की अनदेखी का आरोप

कानिया क्षेत्र में मौजूद आदमखोर  बाघ से सुरक्षा  तथा जंगली जानवरों से, इंसानों, मवेशियों व फसलों की सुरक्षा, की, मांग, को लेकर ग्रामीणों ने रामनगर कार्बेट टाइगर रिजर्व, के निदेशक कार्यालय पहुंचकर धरना दिया तथा  कार्बेट प्रशासन पर जनता की सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

आक्रोशित ग्रामीण कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्देशक को धरना स्थल स्थल पर कार्यालय से बाहर बुलाने की मांग को लेकर अड़े रहे और अंत में उन्हें धरना स्थल पर आकर जनता को सुरक्षा का आश्वासन देना पड़ा।

उन्होंने घोषणा की कि वह कल 26 फरवरी को स्वयं मौके पर जाकर जनता के सुरक्षा इंतजाम तथा बाघ को पकड़े जाने के लिए की जा रही कार्रवाई का जायजा लेंगे।

धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने  भारत सरकार की वन एवं पर्यावरण नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार ने उत्तराखंड की जनता के जीवन को गिरवी रख दिया है।

आये दिन बाघ, हाथी, तेंदुए, जंगली सुअर आदि इंसानों को मार रहे हैं और सरकार जनता को सुरक्षा देने की जगह 3 लाख रुपये का मुआवजा देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रही है।

वक्ताओं ने कहा कि किसी भी इंसान की, जान जंगली जानवर से ज्यादा कीमती है।इंसान और जानवरों में से पहले इंसान को बचाया जाना चाहिए।

सभा में वक्ताओं ने  जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जंगली जानवरों से जनता को सुरक्षा नहीं दी गई तो वे आने वाले समय में सांसद और विधायक का भी घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।

सभा को ललिता रावत, महेश जोशी, प्रभात ध्यानी, आनंदी नेगी, संजय मेहता, मुनीष कुमार  आदि ने संबोधित किया। संचालन ललित उप्रेती, ने किया। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने आकर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

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