नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण के विरोध में मजदूरों ने निरीक्षण करने आए डायरेक्टरों को अंदर घुसने से रोका

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छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में मजदूर संगठनों का विरोद प्रदर्शन लागतार जारी है।

बुधवार को संगठन के सदस्यों ने निरीक्षण के लिए आये चार डायरेक्टर को प्लांट के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। मज़दूरों ने प्लांट के अंदर जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया।

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अमृत विचार में प्रकाशित खबर के अनुसार दिल्ली और हैदराबाद से NMDC और केंद्रीय खान मंत्रालय से चार डायरेक्टरों में से संजय टंडन, डॉ. अनिला राव, विशाल बब्बर और संजय सिंह कल यहां प्राइवेट विमान से पहुंचे।

लेकिन मजदूर संगठनों के विरोध के चलते वे प्लांट नहीं देख सके। बताया गया कि नगरनार स्टील प्लांट के डीमर्जर और निजीकरण की कवायद की नजर से यह सभी डायरेक्टर पहुंचे थे।

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मजदूर नेता महेंद्र जॉन के अनुसार एक तरफ प्लांट के डीमर्जर व निजीकरण की प्रक्रिया जारी है, वहीं डायरेक्टरों का प्रवास इस नजरिये से कहीं न कहीं प्लांट को बेचने के लिए रास्ता साफ करना है।

इसी मद्देनजर मजूदर संगठनों ने इनका विरोध किया और गेट पर ही रोक दिया। मज़दूर संगठन के नेताओं का कहा है की डायरेक्टरों के प्रवास की किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं थी।

कथित तौर पर डायरेक्टरों को गुपचुप तरीके से प्लांट का निरीक्षण करना था, लेकिन मजदूरों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।

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गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के आखरी दिन नगरनार में बनने वाले स्टील प्लांट के निजीकरण मामले पर सर्वसम्मति से शासकीय संकल्प पारित किया गया था।

यही कारण है कि मजदूर संगठनों ने उनके प्रवास का विरोध किया है।

उन्होंने कहा कि नगरनार संयंत्र का संचालन NMDC ही करे और भविष्य में कर्मचारियों के हितों का हनन न हो, इसके लिए मजदूर संगठन समय-समय पर विरोध कर रहे है ।

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