आंध्र प्रदेश: किसानों ने जगन सरकार की अमरावती में 248 एकड़ जमीन नीलाम करने के फैसले का किया विरोध

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आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने विकास कार्यों को शुरू करने के लिए 248.30 एकड़ जमीन की नीलामी करने का फैसला किया है, जिसके विरोध में अमरावती के किसान आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी अमरावती में विकास कार्यों को शुरू करने के लिए करीब 2500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अमरावती में किसानों की जमीन को सरकार ने नीलाम करने का फैसला लिया है।

प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि हम सभी किसान इस नए प्रस्ताव के लिए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ हैं।

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आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (APCRDA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते जुलाई में ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से अमरावती राजधानी क्षेत्र में विभिन्न जमीन पार्सल बेचने के लिए प्राधिकरण को आदेश जारी किया था।

APCRDA अधिकारी का कहना है कि राज्य उच्च न्यायालय ने  3 मार्च को अपने फैसले में आदेश दिया था कि अमरावती में सभी छूटे हुए कार्यों को छह महीने के भीतर पूरा करना है।

संसाधनों और पैसों की कमी के कारण यह काम बीच में ही रुक गया था। जिसके बाद सरकार ने धन जुटाने के लिए जमीन बेचने का निर्णय लिया है।

साथ ही उनका कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से नीलाम की जाने वाले ज़मीन की राशि के लिए कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं आये हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, APCRDA ने इन जमीनों के लिए 10 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की अपसेट कीमत अस्थायी रूप से तय की है। इस तरह सरकार नीलामी से कम से कम 2480 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।

अमरावती की संयुक्त कार्रवाई समिति के नेता अनिल कुमार ने कहा, हमें कुछ दिनों में जानकारी मिल जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसान परेशान हैं क्योंकि आबंटित की गई किसानों की जमीन को विश्व स्तरीय संस्थानों के निर्माण के लिए चुना गया है। साथ ही कुमार ने कहा, “यह साफ साफ दिखाता है कि सरकार राजधानी शहर परियोजना को खत्म करने की योजना बना रही है।”

गौरतलब है की अमरावती के आलावा भी सरकार ने इस महीने की शुरुआत नौलुरु गांव में 10 एकड़ और पिचुकलापलेम गांव में चार एकड़ जमीन को भी विकार कार्य के लिए चुना है जिसमें APCRDA को ई-नीलामी के माध्यम से 14 एकड़ जमीन बेचने का निर्देश दिया गया है।

आने वाले कुछ सालों में सरकार राजधानी विकास कार्यों को शुरू करने के लिए APCRDA के माध्यम से अमरावती में और 600 एकड़ जमीन बेचने की योजना बना रही है।

TDP का आरोप: अमरावती को तबाह करने की चाल

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) महासचिव नारा लोकेश ने राज्य सरकार पर पैसा बनाने के लिए जमीन बेचकर राजधानी अमरावती को तबाह करने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा, “जगन अमरावती की जमीनों को बिक्री के लिए कैसे रख सकते हैं, जबकि उनकी पार्टी के नेताओं ने राजधानी क्षेत्र को कब्रगाह बताया है।”

तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि जगन मोहन रेड्डी सरकार अमरावती में ज़मीन बेचने की कोशिश कैसे कर सकती है, जबकि उसने राजधानी के विकास के लिए पिछले तीन वर्षों में एक ईंट भी नहीं रखी है।

तेलुगु देशम रणनीति समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जगन शासन को राजधानी के निर्माण के लिए किसानों द्वारा दी गई भूमि को बेचने का कोई अधिकार नहीं है।

सूत्रों के अनुसार नीलामी जुलाई में होने की उम्मीद है।

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