संगरूर खेतिहर मज़दूरों का प्रदर्शन, आगामी 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का किया ऐलान

संगरूर में दलित खेतिहर मज़दूरों के तीन दिवसीय प्रदर्शन के आखरी दिन कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। जमीन प्राप्ति संघर्ष कमिटी (ZPSC) के साथ मिल कर दलित खेतिहर मज़दूरों व अन्य मज़दूर संगठनों ने अपनी मांगो का एक सामूहिक ज्ञापन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा को सौंपा।

प्रदर्शनकारियों के कड़े रुख को देखते हुए आज सुबह 10:00 बजे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 7 ग्रामीण और खेतिहर मज़दूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे को चंडीगढ़ में अपने कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया।

खेतिहर मज़दूर संगठनों ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की आधिकारिक घोषणा न होने के कारण आगामी 3 अक्टूबर को पटियाला-बठिंडा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री के साथ बैठक की आधिकारिक घोषणा नहीं

पंजाब खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेववाला ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गयी है। अब आगामी 3 अक्टूबर को पटियाला-बठिंडा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर विशाल प्रदर्शन किया जायेगा।

उन्होंने बताया की खेतिहर मज़दूरों और मज़दूरों संगठनों को यह आश्वाशन दिया गया था आगामी 29 सितंबर को पंजाब भवन में एक बैठक निर्धारित की की जाये गई। लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है।

जिसके बाद सभी मज़दूरों संगठनो ने 3 अक्टूबर को पटियाला-बठिंडा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर विशाल प्रदर्शन कर खेतिहर मज़दूरों का मांग पत्र सौंपा जायेगा।

बुधवार को वित्त मंत्री के साथ हुए बैठक में भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के नेता मुकेश मालोद, ग्रामीण मजदूर यूनियन के अध्यक्ष दर्शन नाहर, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेववाला, पंजाब खेत मजार सभा के महासचिव गुलजार गौरिया मौजूद थे। रूरल लेबर यूनियन पंजाब के अध्यक्ष, रिवोल्यूशनरी रूरल लेबर यूनियन के प्रदेश महासचिव लखवीर लोंगोवाल, मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महासचिव हरविंदर सिंह सेमन भी शामिल रहे।

साथ ही संयुक्त मोर्चे के नेता कृष्ण चौहान, पगत सिंह कालाझार, भगवंत समौन, अवतार सिंह रसूलपुर, बलदेव सिंह नूरपुरी, जोरा सिंह नसराली और बीकर सिंह हाथोण ने भी अपना योगदान दिया।

खेतिहर मज़दूर संगठनों की मांगे

गौरतलब है कि 7 ग्रामीण और खेतिहर मज़दूर संगठनों के संयुक्त मोर्चे में शामिल संगठन भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति, पंजाब खेत मजदूर संघ, ग्रामीण मजदूर संघ, क्रांतिकारी ग्रामीण मजदूर संघ पंजाब, पंजाब खेत मजदूर सभा, मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब हैं।

ग्रामीण मजदूर संघ पंजाब के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास के सामने तीन दिवसीय मार्च में मजदूरों की मांगों के बीच मनरेगा के तहत परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को पूरे साल काम देने की मांग है, मनरेगा सहित अन्य कार्यों के लिए दैनिक मजदूरी को लागू करने के लिए, आवंटित भूखंडों के श्रमिकों को व्यवसाय देने के लिए, जरूरतमंद परिवारों को आवासीय भूखंड आवंटित करने के लिए, लाल रेखा में रहने वाले परिवारों को स्वामित्व अधिकार देने के लिए, आवास निर्माण हेतु अनुदान देना, गुलाबी सुंडी एवं वर्षा के कारण मरी फसलों के कारण श्रमिकों को हुई क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु अनुदान देना, माइक्रोफाइनेंस कम्पनियों सहित शासकीय एवं अशासकीय ऋणों की माफी, सहकारी समितियों में भूमिहीन श्रमिकों की बिना शर्त सदस्यता कठोर भूमि सुधार, वृद्धावस्था के माध्यम से भूमिहीन लोगों को अधिशेष भूमि का वितरण, ढवा, निःशक्तता पेंशन को बढ़ाकर 5 हजार रुपये और आयु सीमा को घटाकर 55-58 वर्ष आदि किया जाए।

इन तीनों दिनों में पंजाब के कोने-कोने से सैकड़ों गांवों के हजारों मजदूर पुरुष, महिलाएं और बच्चे पूरे जोश के साथ मार्च में शामिल हुए।

वित्त मंत्री के साथ बैठक में मजदूर नेता गुरनाम सिंह दाऊद, देवी कुमारी, हरमेश मालदी, कश्मीर सिंह घुगशोर, बलदेव सिंह जीरा, गोविंद छाजाली और गुरविंदर सिंह बोहरा भी मौजूद थे।

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