सीमा पात्रा की हैवानियत का विरोध करता था बेटा आयुष्मान, मानसिक रोगी बोल कर भेज दिया मेंटल हॉस्पिटल

By रजनी मुर्मू

झारखंड महिला मोर्चा बीजेपी (झारखंड) नेत्री सीमा पात्रा राष्ट्रीय कार्य समिति की सदस्य , पुर्व आईएस महेश्वर पात्रा की पत्नी और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘ कार्यक्रम की झारखंड कोर्डिनेटर की बेटी वत्सला पात्रा जो दिल्ली में रहती है ने गुमला (झारखंड) की एक आदिवासी लड़की सुनिता खाखा को 10 साल पहले हाउस हेल्प के रूप में रखा।

6 साल पहले जब वत्सला का ट्रांसफर झारखंड हुआ तो उसने  सुनिता खाखा को भी साथ ले लिया और अपनी माँ सीमा पात्रा के साथ रहने लगी।

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झारखंड आकर वत्सला की माँ सिमा पात्रा ने सुनिता खाखा के साथ जुल्म की सारी हदें पार कर दी। सिमा पात्रा का बेटा आयुष्मान सुनिता के साथ किये जाने वाले हैवानियत के लिए अपनी माँ का जोरदार विरोध करता था।

लेकिन सिमा पात्रा ने उल्टा मानसिक अवसाद बोलकर अपने बेटे आयुष्मान को रीनपास मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।

एक संवेदनशील व्यक्ति के लिए ये स्वभाविक हो सकता है कि वो अपनी माँ सीमा पात्रा की दरिंदगी देख कर अपना मानसिक संतुलन खो दे।

आयुष्मान ने सुनीता को कराया मुक्त

आयुष्मान ने ये बात अपने दोस्त विवेक आंनद बास्की ( संताल आदिवासी) को बताया। तब जाकर विवेक ने सीमा पात्रा के घर से पुलिस की मदद से सुनिता खाखा को रेस्क्यू किया।

विवेक आंनद बास्की ने अरगोड़ा थाना में विभिन्न धाराओं के तहत पिछले सोमवार को ही एफआईआर दर्ज करवा दिया था। पर अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।

हैवानियत की सारी हदें की पार

हॉस्पिटल में एडमिट सुनिता खाखा ने पिछले 6 साल से खुद के साथ हो रही हिंसक  प्रताड़ना बयां की है। सुनिता ने बताया की सीमा पात्रा लोहे के रोड से मारकर उसके तीन दांत तोड़ दिये हैं।

रीढ़ की हड्डी भी मार मार कर तोड़ दी है जिस कारण से वो सिधे नहीं चल पाती थी बल्कि शरीर को एक साइड कर के चलती थी। सीमा पात्रा सुनिता खाखा को बैल्ट से मारती थी। कभी कल्छु से मारती थी। गर्म तवा से जला जलाकर मारती थी। मार के निशान पुरे चेहरे पर हैं।

अंत में सुनिता खाखा की हालत इतनी खराब हो गई कि उसका चलना भी दूभर हो गया और वो घीसट घीसट कर चलने लगी। सुनिता खाखा का शरीर इतना रुग्ण हो गया कि उनका अपने पेशाब पर भी कंट्रोल नहीं रह गया था।

ऐसे में सुनिता खाखा कभी कभी बाथरूम जाने से पहले ही फर्श पर पेशाब कर देती थी। तब सीमा पात्रा उस पेशाब को सुनिता खाखा से चाट चाट कर साफ करने के लिए कहती थी।

सुनिता खाखा ने बताया कि सीमा पात्रा अपने पालतू कुत्ते पर भी अत्याचार करती थी। उसको इतना मारा कि कुत्ता मर गया। इस पूरे घिनौने, हिंसक और हैवानियत से भरी त्रासद में सीमा पात्रा की बेटी वत्सला पात्रा की सौ प्रतिशत भागीदारी है।

एक हफ्ते बाद भी नहीं हुई है गिरफ़्तारी

एक हफ्ते गुजर जाने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की तो विवेक आंनद बास्की ने कल मिडिया को बयान देते हुए बताया कि पुलिस से कार्रवाई के बारे में बार बार पुछने के बाद भी कहती रही कि हमें मत बताइये हम अपना काम कर रहे हैं।

मिडिया में खबर आने के बाद दिखाने के लिए बीजेपी से सीमा पात्रा को निकाल दिया गया है।

पर सवाल ये है कि सीमा पात्रा  कोई आम महिला नहीं थी  बल्कि ‘ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ कार्यक्रम की झारखंड में कोर्डिनेटर थी।

इस तरह की कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका रहने के बाद कोई कैसे इतना दोहरा व्यवहार कर सकता है? या फिर बीजेपी का चरित्र ही दोगला है।

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