इंटरार्क: धरने पर बैठे मज़दूरों ने 4 अक्टूबर को विशाल मज़दूर किसान महापंचायत का किया ऐलान

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर व किच्छा में स्थित इंटरार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. में पिछले 13 महीनों से मजदूर संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। संगठनों का आरोप है प्रबंधन लगातार मज़दूरों का शोषण एवं उत्पीड़न कर रहा है,  इतना ही नहीं पिछले चार सालों से मज़दूरों के वेतन में भी वृद्धि नहीं की गयी है।

शनिवार को मज़दूर यूनियनों ने बैठक में आगामी 4 अक्टूबर को विशाल मज़दूर किसान महापंचायत का ऐलान किया है।

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मजदूरों के शोषण और उत्पीड़न के विरोध में जारी इस संघर्ष को पूरे देश में पहुंचाने के लिए किच्छा के धरना स्थल पर आयोजित अपने कार्यक्रम में पत्रकार को भी बुलाया गया। जिसके अंतर्गत श्रमजीवी पत्रकार संगठन किच्छा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राज सक्सेना एवं कार्यकारिणी के अन्य सदस्य कैलाश चंद वशिष्ठ, उपस्थित हुए जिनका मजदूरों द्वारा लेखनी को न्याय पूर्ण और सशक्त सुदृढ़ व संपन्न विचारधारा को अविरल रूप से आगे बढ़ाते हुए समाज के उत्थान हेतु गरीबों की आवाज को बुलंद करने में शास्त्र स्वरूप कलम भेंट कर सम्मान किया गया।

राज सक्सेना द्वारा मजदूरों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब मजदूरों की इस लड़ाई में मीडिया अपना पूरा सहयोग प्रदान करेगा और अन्याय व अत्याचार करने वालों के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद करेगा।

उनका कहना है कि गरीबों की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा मीडिया शासन के कानों तक इन्टरार्क के मजदूरों की पूरी कहानी व दर्द स्पष्ट रूप से पहुंचाने में पूर्ण मदद करेगा।

कैलाश चंद वशिष्ठ द्वारा कहा गया कि लोकतांत्रिक तरीके से चल रहे हैं 13 महीने के इस आंदोलन को उन्होंने बहुत ही करीब से देखा और महसूस किया है मजदूरों की आवाज को दबाने वालों की खैर नहीं ,न्याय के लिए प्रयास करने का जज्बा देख कर अच्छा लगा कास समाज के सभी वर्ग अपने हक एवं अधिकारों के लिए शोषण और अत्याचार के विरुद्ध इसी तरह एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं तो भारत अपने लोकतांत्रिक संप्रभुता से खिल उठेगा।

मजदूर किसान महापंचायत को लेकर मजदूरों में काफी उत्साह रहा, प्रचार प्रसार को पूरे वेग से क्षेत्र के चारों ओर किया जा रहा है।पोस्टर चस्पा करने से लेकर बैनर लगाने का कार्य व पर्चे बांटने से लेकर फ्लेक्सी लगाने का कार्य जोरो शोरो से जारी है। मजदूरों द्वारा टीम बनाकर शहरों और नगरों में प्रचार प्रसार किया जा रहा है एवं जनमानस से अपील की जा रही है कि आगामी 4 अक्टूबर को किच्छा में इन्टरार्क कंपनी के समक्ष होने वाले मजदूर किसान महापंचायत के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए अपनी भागीदारी दें।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इन्टरार्क मजदूर संगठन के पदाधिकारी एवं अन्य सदस्यों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है, जिसके अंतर्गत मजदूर संगठनों ,क्रांतिकारी संगठनो, व्यापारी संगठनों ,सामाजिक संगठनों ,महिला संगठनों ,छात्र संगठनों एवं विभिन्न प्रकार के सहयोगी संगठनों व विशिष्ट व्यक्तियों को महापंचायत में आमंत्रित करने हेतु उनसे मिल रहे हैं और आमंत्रण पत्र देकर उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं।

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लम्बे समय से संघर्ष कर रहे मज़दूर संगठनों कहना है कि अनैतिक और अव्यवहारिक और गैरकानूनी कृत्यों को करने वाले लोग संतुलित नहीं रह पाते हैं आज कंपनी प्रबंधक स्वयं ही अपने मनमर्जी से श्रम कानूनों का विश्लेषण अपनी सुविधा अनुसार कर रहे हैं।

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आज पंतनगर प्लांट में कंपनी प्रबंधक द्वारा एक सूचना चस्पा करने के दौरान यह सामने आया है की कंपनी प्रबंधक द्वारा सस्पेंड/निलंबित किए गए मजदूरों को नोटिस देकर बाध्य किया जा रहा है कि वह मजदूर सुरक्षा विभाग में रखें रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं अन्यथा उनके भत्ते में कटौती की जाएगी जबकि श्रम कानून की जिन धाराओं का हवाला कंपनी प्रबंधक द्वारा दिया जा रहा है। उन धाराओं में ऐसे किसी शर्त के बारे में कोई भी बात नहीं दर्ज की गई है। अतः कंपनी प्रबंधक का यह रवैया आश्चर्यजनक और हास्यास्पद है।

मजदूरों का आंदोलन शानदार तरीके से निरंतर आगे की ओर बढ़ रहा है और 4 अक्टूबर को निर्णायक और ठोस कदम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधक एवं उनके सहयोगियों की होगी।

सभा के दौरान सैकड़ों मजदूर एवं महिलाएं तथा बच्चे उपस्थित रहे और वहां पर बनाए गए लंगर के माध्यम से सभी ने भोजन भी किया।

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