डाईकिन में मज़दूर के कोरोना पॉज़िटिव आऩे से हड़कंप, कंपनी ने पल्ला झाड़ा

Daikin Neemrana

राजस्थान के नीमराना जापानी ज़ोन स्थित डाइकिन एयर कंडीशनिंग के प्लांट में एक मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है।

जयचंद इस प्लांट में परमानेंट वर्कर हैं और रेवाड़ी में रहते हैं। 26 जून, शुक्रवार को ही उनका टेस्ट पॉज़िटिव आया है।

जयचंद के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि ‘प्लांट के अंदर तबियत ख़राब होने पर जयचंद ने जब बताया तो प्रबंधन ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि खुद जाकर समीप के गेटवेल या कैलाश अस्पताल में इलाज करा लो।’

प्राथमिक उपचार के बाद 22 जून को जयचंद दवा वगैरह लेकर झुंझनू ज़िले में अपने गांव चले गए। वहां कोरोना जांच का सैंपल दिया गया था जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को आई।

घर वालों की सूचना के मुताबिक, ‘फ़िलहाल जयचंद को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और परिवार की भी जांच हो रही है। प्लांट में इस बारे किसी को नहीं बताया गया है और उत्पादन जारी है।’

सैकड़ों ठेका मज़दूरों को निकाला

कोरोना पॉज़िटिव जयचंद वेल्डिंग डिपार्टमेंट में काम करते थे और लॉकडाउन जब कंपनी खुली तो उन्हें काम पर बुला लिया गया था।

मज़दूरों का आरोप है कि प्रबंधन लगातार मजदूरों को सस्पेंशन और टर्मिनेशन का डर दिखा कर काम पर बुला रहा है। दूरदराज के रहने वाले मज़दूरों को लगातार वार्निंग लेटर जारी किए जा रहे हैं।

जब किसी मज़दूर की तबियत ख़राब हो रही है तो इसकी ज़िम्मेदारी लेने से साफ़ मना कर दिया जा रहा है। मज़दूरों का ये भी कहना है कि इस बीच डाईकिन प्लांट से सैकड़ों ठेका मजदूरों को भी निकाल दिया गया है।

लॉक डाउन की शुरुआत में ही नीमराना स्थित जापानी ज़ोन को कोरोना का हॉट बेड बताया गया था क्योंकि यहां बड़ी संख्या में जापानी कंपनियां है और विदेशों से लोगों का आना जाना लगा रहता है।

ज्यादातर कंपनियों में कोरोना के मामले आने पर उनको छुपा दिया जाता है और कर्मचारी को छुट्टी पर भेज दिया जा रहा है।

कोरोना होने पर पल्ला झाड़ रहीं कंपनियां

डाईकिन की एक वेंडर कम्पनी के जीएम के भी पॉज़िटिव होने की खबर है मगर मज़दूरों का आरोप है कि इस मामले को दबा दिया गया है। यहां भी जीएम के संपर्क में आने वाले करीब 30 लोगों को होम कोरोंटाईन किया गया है।

इससे पहले मानेसर स्थित मारुति के प्लांट में भी करीब 17 कर्मचारियों के पॉजिटिव होने की खबर थी। इसके बावजूद प्लांट में काम बदस्तूर जारी रखा गया है।

इसके कुछ दिन पहले भी सुजुकी बाइक का एक ठेका मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव पाया गया था जिसे अस्पताल में भर्ती होने के लिए गुड़गांव के सिविल अस्पताल के सामने धरने तक पर बैठना पड़ा।

राजस्थान में कांग्रेस का शासन है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान ही देश में सबसे पहले औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन जारी करने की इजाज़त दी थी।

यूनियन की मान्यता को लेकर है विवाद

यही नहीं कंपनियों में 12 घंटे काम कराए जाने की छूट भी दे दी थी, जिसके लिए नरेंद्र मोदी ने उनकी पीठ थपथाई थी और बाकी राज्यों से भी राजस्थान मॉडल लागू करने को कहा था।

डाईकिन में पिछले कुछ सालों से यूनियन को मान्यता देने के मामले पर मज़दूरों और प्रबंधन में काफ़ी तनाव चल रहा है।

आठ जनवरी 2019 को मज़दूरों ने आम हड़ताल के दौरान एक रैली में जब कंपनी गेट पर रजिस्टर्ड हुई यूनियन का झंडा लगाने की कोशिश की थी, पुलिस और कंपनी के बाउंसरों ने मज़दूरों को बुरी तरह पीटा था।

आज भी 50 से अधिक मज़दूरों पर आंतरिक जांच बैठी है और मुकदमा चल रहा है। डाईकिन यूनियन के नेता रुकमुद्दीन को कंपनी पहले ही सस्पेंड कर चुकी है, लेकिन आठ जनवरी की घटना के बाद बड़ी संख्या में मज़दूरों को निकाल दिया गया था।

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