migrant worker in delhi nizamuddin

‘जेब और पेट दोनों खाली हैं, इससे अच्छा तो लॉकडाउन था कम से कम नाम का ही खाना तो मिल जाता था’

कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन को एक साल होन गये हैं। जिस मज़दूर वर्ग को लॉकडाउन का सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ वो अब भी बेहद तक़लीफ़ में हैं। सैकड़ों …

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