32 लाख प्रवासी कामगारों के जख्मों पर फाहा रखने की जगह वोट पर लार टपकाते नेता
By आशीष आनंद बूढ़े मां-बाप, जवान बहन, छोटे भाई, नई नवेली दुल्हन को छोड़ सैकड़ों मील जाकर जिंदगी में खुशहाली आने की तमन्ना। महीनों बाद ट्रेन में गठरी बने घर …
32 लाख प्रवासी कामगारों के जख्मों पर फाहा रखने की जगह वोट पर लार टपकाते नेता पूरा पढ़ें