मज़दूरी मांगने पर ब्लिंकिट के डिलीवरी ब्वॉय को बांउंसर से पिटवाया, पुलिस ने उलटे लड़कों को ही पकड़ा

blinkit workers

दिल्ली के खिड़की गांव के पास काम करने वाले ब्लिंकिट कर्मचारियों का आरोप है कि मज़दूरी में कटौती को लेकर जब वे मैनेजसर के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्हें बाउंसर ने पीटा.

यही नहीं ब्लिंकिट मैनेजर की शिकायत पर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस उलटे डिलीवरी ब्वॉय को ही हिरासत में ले लिया. हालांकि यूनियन के हस्तक्षेप के बाद शाम तक उसे छोड़ दिया गया.

ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) से संबद्ध ‘ऐप कर्मचारी एकता यूनियन’ ने ब्लिंकिट प्रबंधन द्वारा एक मजदूर की बेरहम पिटाई के खिलाफ मालवीय नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

डिलीवरी ब्वॉएज़ का कहना है कि आठ जनवरी को मजदूरी में कटौती को लेकर ब्लिंकिट के स्टोर मैनेजर से वे बात करने की कोशिश कर रहे थे तो उन्हें डराया–धमकाया गया.

जब 9 जनवरी को सुबह-सुबह फिर से वे बात करने पहुंचे तो कंपनी मैनेजमेंट ने बाउंसरों से मजदूरों की पिटाई कराई.

एक मजदूर श्याम (नाम बदला हुआ) को बुरी तरह से पीटा गया. मालवीय नगर थाने से आई पुलिस ने भी मजदूर की सुनने की जगह यूनियन पदाधिकारियों पर ही बल प्रयोग किया.

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने मौके पर पहुंचकर पुलिस के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया.

यूनियन पदाधिकारी अपूर्वा शर्मा ने कहा कि “ब्लिंकिट प्रबंधन और दिल्ली पुलिस द्वारा इस तरह से मजदूरों को सताया जाना सरासर गैरकानूनी और गलत है.’

यूनियन का कहना है कि ‘एक तरफ तो इन कंपनियों के मुनाफे में दिनोदिन बढ़ोतरी हो रही है, दूसरी तरफ मजदूरों को हो रहे भुगतान में लगातार कटौती की जा रही है.’

अपूर्वा शर्मा ने बताया कि ‘यूनियन द्वारा ऐप कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों को ही चिट्ठी दी गई है पर दिल्ली सरकार इनकी मांगों पर किसी प्रकार की बातचीत के लिए तैयार नहीं है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की चुप्पी के कारण ऐप-कंपनियां हर दिन मनमानी कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली सरकार को इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए यूनियन से बातचीत करनी चाहिए.

ऐक्टू के राज्य सचिव सूर्य प्रकाश ने कहा कि ‘देश की राजधानी दिल्ली में श्रम विभाग भी मैनेजमेंट के पक्ष में खड़ा दिखाई देता है. मजदूरों द्वारा लगाए जा रहे वाद पर या तो कोई कार्रवाई ही नही होती या काफी टालमटोल किया जाता है.

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन के ही पदाधिकारी आयूष ने कहा कि यूनियन इस संघर्ष को आगे जारी रखेगी और आनेवाले दिनों में सरकार और कंपनियों को हमारी मांगें माननी पड़ेंगी.

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