चेन्नई तूफ़ानः कमरे में सोते झारखंड के दो मज़दूरों की मौत, बुरी तरह घायल मज़दूर ने लगाई इंसाफ़ की गुहार

injurd worker hasim

By वैष्णवी, WU संवाददाता, चेन्नई

दक्षिण भारत में आए भीषण तूफ़ान के कारण बाढ़ में डूबी चेन्नई में कई प्रवासी मज़दूरों के मरने, घायल होने और फंसे होने की ख़बरें आ रही हैं.

तूफ़ान के दिन अपने कमरे में सो रहे दो प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई जबकि एक प्रवासी मज़दूर बुरी तरह घायल हुए हैं. ये प्रवासी मज़दूर झारखंड के बताए जा रहे हैं.

मज़दूरों के साथियों ने बताया, “झारखण्ड के रहने वाले मज़दूर हासिम, तूफ़ान की रात जब अपने कमरे पर सो रहे थे तभी तेज हवा के कारण बगल कि निर्माणाधीन इमारत के दरवाज़े उनके टिन की चादरों से बनी छत पर आ गिरे. इस घटना में हासिम के साथ कमरे में रहने वाले दो लोगों की मौत हो गई जबकि हासिम बुरी तरह घायल हुए हैं.”

घटना के बाद बुरी तरह से घायल हासिम रेंगते हुए जैसे-तैसे बगल के कमरे में सो रहे अपने साथियों तक पहुंचे. उनके साथियों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाया और शवों को बहार निकला. हासिम को नज़दीकी रॉयपेट्टा अस्पताल में भर्ती किया गया.

डॉक्टर के मुताबिक हासिम के आंत में गंभीर चोटें आई हैं. उन्हें लगातार और लम्बे इलाज की ज़रूरत है.

हासिम के साथियों ने बताया की दोनों मृतक व्यक्ति हासिम के रिश्तेदार हैं और वो भी यहाँ मज़दूरी करते थे. मृतकों में 24 साल के उनके फूफा और 34 साल के उनके चाचा थे.

अगले दिन दोनों शवों को ले जाने के लिए झारखण्ड स्थित उनके गावं से लोग आये और करीब 1 लाख रुपये का चंदा जमा कर शवों को एम्बुलेंस से गावं भेजा गया है.

workers dead body

दिहाड़ी पर करते थे काम

हासिम फिलहाल टाइल्स का लोडर का काम कर रहे थे और 6 दिन पहले ही वो दुर्घटना वाले स्थान पर काम करने पहुंचे थे.

हासिम के साथियों ने जानकारी दी कि ये कमरे उन्होंने किराये पर लिया था और सभी लोग ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं.

टाइल्स लोडर से पहले काम ढूंढने के लिए वे स्थानीय बाज़ारों में जाते थे. जहाँ उनकी एक दिन की दिहाड़ी 800-900 रुपये होती थी.

मज़दूरों ने बताया कि इस दुर्घटना में टाइल कंपनी की कोई गलती नहीं है बल्कि लापरवाही बगल के निर्माणाधीन इमारत के मालिक की थी.

हालाँकि अपने मज़दूरों के मारे जाने और घायल होने के बावजूद, टाइल कंपनी ने अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया है.

मज़दूरों ने बताया की उन लोगों ने स्थानीय थाने में निर्माणाधीन इमारत के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

chennai

झारखंड, गोड्डा के 200 मज़दूर

सभी मजदूर झारखंड के गोड्डा जिले के दो गाछी गांव के रहने वाले हैं. इस गांव और जिले के लगभग 200 मज़दूर कन्नथुर में फिलहाल काम कर रहे हैं.

मोहम्मद इकबाल नमक एक मज़दूर ने बताया कि “लगभग 20 साल पहले मैं इस इलाके में पहला प्रवासी मज़दूर था. मेरे पास गांव में ज़मीन का एक छोटा सा टुकड़ा है जिससे गुजरा कर पाना संभव नहीं है.”

“हमारे राज्य झारखण्ड में रोजगार और आय का कोई जरिया भी नहीं है. मुझे देख इलाके के कई लोग अब यहाँ काम करने आने लगे हैं. रोजगार तो मिल जाता है लेकिन यहाँ की अपनी मुश्किलें भी हैं.”

chennai

मृतकों को मुआवज़ा देने की मांग

हासिम के साथियों ने जानकारी दी कि ‘मृतक गुलफराज 3 साल पहले जबकि हासिम 2 साल पहले यहाँ काम करने आए थे.

उनके एक साथी ने कहा, “हासिम की पत्नी भी कुछ साल पहले दिल्ली में काम करने के दौरान बिजली के झटके से घायल होकर अपना एक हाथ खो चुकी हैं और अब हासिम के साथ भी दुर्घटना हो गई.”

हासिम कहते हैं कि उनके और मारे गए दो मज़दूर गुलफराज और इकबाल को इंसाफ़ मिलना चाहिए.

हासिम कहते हैं, “हम अपने परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य हैं, अब हमारे परिवार का खर्च कैसे चलेगा. डॉक्टर कहते हैं मुझे ठीक होने में 4 महीने लगेंगे. इतने लम्बे समय तक बिना काम और मज़दूरी के हम कैसे जियेंगे. सरकार को हमारी हालत देखनी चाहिए और हमे न्याय दिलाना चाहिए.”

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/12/workers-stranded-in-chennai.jpg

चेन्नई में मज़दूरों की ख़बर लेना वाला कोई नहीं

दक्षिणी भारत में आये मिचौंग तूफ़ान ने तटीय राज्यों तेलंगाना ,आंध्रा प्रदेश और तमिलनाडु में अफरा तफरी का माहौल बना दिया है.खासकर तमिलनाडु तो इस तूफ़ान से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा.

अब जब कि तूफ़ान हल्का पड़ रहा, इन राज्यों के विभिन्न इलाकों में हुई क्षति कि लगातार ख़बरें आ रही हैं.

लेकिन इस तूफ़ान का सबसे बुरा असर अप्रवासी मज़दूरों पर पड़ा है.चेन्नई और उसके आस-पास के इलाकों में तो प्रवासी मज़दूर बुरी तरह से फंस गए हैं.

खाने-पीने के सामानों कि कमी के साथ- साथ वो स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से भी जूझ रहें हैं. कई मज़दूर बुरी तरह से घायल परिस्थिति में हैं तो कई लापता हैं.

और ऐसे में उनकी खोज खबर लेने वाला भी कोई नहीं है. सरकार कि तरफ से अभी तक किसी भी प्रकार कि कोई पहल नहीं कि गई है.

Do read also:-

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

Subscribe to support Workers Unity – Click Here

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.