तीन दिनों से खाई में फंसे मज़दूरों को छोड़ कंपनी अधिकारी फरार

chennai construction site

चेन्नई में चक्रवात मिचौंग ने भारी तबाही मचाई है.

 

शहर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुके हैं.

इसी बीच चेन्नई के वेलाचेरी इलाके से खबर आ रही है कि निर्माण कार्य में लगे 3 मज़दूर पिछले 2 दिनों से अधिक समय से लापता हैं.

ख़बरों के मुताबिक वेलाचेरी में 60 फीट की खाई में तीन मज़दूर फंसे हुए हैं.

लोगों ने बताया कि फाइव फर्लांग रोड पर एक इमारत के निर्माण के लिए खाई खोदी गई थी. जब 4 दिसंबर को भारी बारिश के बाद जमीन का एक हिस्सा धंस गया.

खाई के बगल में स्थापित एक कंटेनर जिसमें दो मज़दूर, एक जूनियर इंजीनियर आर जयसीलन सवार थे, उस खाई में कंटेनर साथ जा गिरे.इन सारे लापता लोगों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

जयसीलन के एक रिश्तेदार जेयान ने मिडिया से बात करते हुए बताया की “ये प्रोजेक्ट ग्रीन टेक कंस्ट्रक्शन कंपनी का है जहाँ जयसीलन काम करते थे.सरकार द्वारा चक्रवात के कारण छुट्टी की घोषणा के बावजूद कंपनी द्वारा उन्हें काम पर आने के लिए मजबूर किया”.

वही लापता लोगों के रिश्तेदारों का आरोप है कि अधिकारियों की देर से प्रतिक्रिया के कारण बचाव अभियान में देरी हुई.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 5 दिसंबर की शाम तक गड्ढे से पानी निकालने के लिए सिर्फ एक पानी की मोटर लगाई गई थी.

लापता मज़दूर नरेश के रिश्तेदार सुकुमार ने आरोप लगाया कि “तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के हस्तक्षेप करने तक बचाव अभियान धीमा था. 5 दिसंबर की शाम को निर्माण स्थल से पानी निकालने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएलसी इंडिया से मोटर पंप खरीदे गए”.

फिलहाल इस ऑपरेशन के लिए एनएलसी इंडिया से 60 सदस्यों की एक टीम को चेन्नई लाया गया है.

रहत कार्य में लगे अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन के लिए छह पंप तैनात किए गए हैं.

बचाव दल के सदस्यों में से एक के अनुसार, एक कंटेनर (जिसमें तीन कमरे थे) जो निर्माण स्थल के लिए एक कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, एक जेनसेट और एक पेट्रोल बंक के तीन कंप्रेसर कार्टर में गिर गए.

जयसिलन पिछले सात वर्षों से ग्रीन टेक स्ट्रक्चरल कंस्ट्रक्शन में सहायक इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे.

उनके रिश्तेदार ने जानकारी दी कि ” नौ महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. चेन्नई में आये चक्रवात के अगले दिन उन्हें कंपनी से लगातार साईट पर आने के लिए फोन आ रहे थे, जबकि सरकार कि तरफ से छुट्टी कि घोषणा कि गई थी. उनकी पत्नी मंजू ने सुबह उनसे बात कि थी ,उसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है”.

जयसिलन के पिता रामकृष्णन कहते है कि ‘ बेटे के साथ काम करने वाले सहकर्मी कही दिखाई नहीं दे रहे हैं. हमने उसके प्रबंधक और उनकी कंपनी तक पहुंचने की कोशिश भी की, लेकिन उनके नंबर बंद आ रहे हैं.’

मिडिया ने भी ग्रीन टेक कंस्ट्रक्शन्स के अधिकारियों तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है.

लापता मज़दूर नरेश की मां मंजुला ने भी कहा कि कंपनी द्वारा उन्हें चक्रवात गुजरने के समय काम पर आने के लिए कहा गया था.

वही एनएलसी बचाव दल के सदस्य मणिकंदन ने कहा कि “यदि निर्माण कंपनी के अधिकारी सहायता के लिए उपलब्ध होते, तो बचाव तेज हो सकता था. वो निर्माण स्थल के बारे में जानते हैं तो हमे भी सही जानकारी मिलती. अभी तक हम 20 फुट पानी निकाल चुके है”.

(द न्यूज़ मिनट से साभार)

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