मुंडका अग्निकांड: सरकार के खिलाफ मज़दूर संगठनों का नहीं थम रहा विरोध प्रदर्शन

मुण्डका इलाके में 13 मई  को सीसीटीवी कैमरे बनाने वाली एक फैक्ट्री में भंयकर आग लगने से 27 मज़दूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी और कई अन्य मज़दूर घायल हो हुए थे।  इस घटना के बाद विभिन्न मज़दूर संगठनों का आक्रोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण रोज़ दिल्ली के आला अधिकारीओं के आवास के सामने विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है।

मुंडका समेत दिल्ली के अन्य हिस्सों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के विरोध में आज ‘आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू)’ ने मुख्यमंत्री के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही शुक्रवार को क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी, (आरडब्लूपीआई) द्वारा दिल्ली सचिवालय पर दिल्ली सरकार के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन बीते दिनों मुण्डका फैक्ट्री अग्निकांड के सन्दर्भ में था। आरडब्लूपीआई इस घटना के शिकार हुए श्रमिकों को इंसाफ़, उचित मुआवजा मिलने व अन्य माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

मुंडका अग्निकांड: मजदूर संगठनों ने सौंपा श्रम मंत्री को ज्ञापन, दोषियों के खिलाफ 307 के तहत कार्यवाही की मांग

ऐक्टू के नेतृत्व में दिल्ली के विभिन्न इलाकों से आए मज़दूरों ने सुश्रुत ट्रामा सेंटर से मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के निकट विरोध सभा की। प्रदर्शन में छात्र संगठन ‘आइसा’ ने भी भागीदारी की। कुछ दिन पहले, 17 मई को भी ऐक्टू व अन्य ट्रेड यूनियन संगठनों द्वारा दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर, मुंडका अग्निकांड के संबंध में प्रदर्शन किया गया था।

ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष संतोष राय ने कहा कि कई धरने-प्रदर्शनों के बाद भी कार्यस्थल पर मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर सरकार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अन्य राज्यों में जाकर झूठे वादे कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी विदेश-यात्राओं में ही व्यस्त हैं। मज़दूरों गरीबों के रोज़ी-रोटी-रोज़गार-सुरक्षा पर दोनों सरकारें चुप हैं।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ताज़ा घटना जिसमें 50 लोगों (सरकारी आकड़ों के मुताबिक़ कम से कम 27 मौतों की पुष्टि हुई है) की जान चली गई, जबकि कई अन्य के लापता होने की ख़बर है, ये घटना शहर के श्रमिकों के प्रति दिल्ली सरकार की “पूरी तरह से गैर ज़िम्मेदाराना और असंवेदनशील व्यवहार” को दर्शाती है। उन्होंने कहा इस दर्दनाक घटना के लिए श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

दिल्ली में हर रोज़ मज़दूर या तो किसी सीवर में मारे जाते हैं या फैक्ट्रियों के अंदर काम करते हुए। मज़दूर संगठनों का कहना है कि अगर राज्य और केंद्र की सरकारें, देश की राजधानी में भी मज़दूरों की सुरक्षा की गारंटी नही कर सकती तो इससे बड़े दुख की बात और क्या होगी।

मुंडका कांड : “मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दे सरकार”

मज़दूर संगठनों की प्रमुख मांगे

ऐक्टू ने आज प्रदर्शन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपते हुए ये मांग उठाई कि प्रत्येक मृत मज़दूर के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और आश्रित को नौकरी दी जाए। घटना में 27 से ज़्यादा मज़दूरों के मारे जाने की संभावना को देखते हुए मृतकों-घायलों की संख्या के जांच की मांग भी उठाई गई।

मांगे
1. दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम करो
2. सारे श्रम क़ानूनों को सख़्ती से लागू करो
3. मुण्डका की घटना के दोषी मालिकों को सख़्त सज़ा दो
4. पीड़ित परिवारों को 50 लाख मुआवजा तत्काल प्रदान करो
5. इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए श्रम मंत्री और मेयर एमसीडी तत्काल

दिल्ली के मज़दूर सगठनों ने संयुक्त मंच की तरफ से मनीष सिसोदिया को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की मांग करेंगे। क्योंकि विभिन्न सरकारी एजेंसियों को अपने पास बुलाकर ट्रेड यूनियन संगठनों के साथ वार्ता आयोजित की जाए जिससे भविष्य में ऐसी त्रासद घटना दुबारा न घट सके।

मुंडका अग्निकांडः 27 मज़दूरों की मौत का कौन है ज़िम्मेदार?

ऐक्टू की राज्य सचिव श्वेता ने यह कहा कि दिल्ली के मज़दूरों के पास पेट की आग से भूखों मरने और फैक्ट्री की आग में जलने के अलावा और कोई विकल्प नही है। संसद और विधानसभा के अंदर मज़दूरों के मुद्दों को लेकर कोई बातचीत नही हो रही। आनेवाले दिनों में मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे मज़दूर-विरोधी श्रम कोड कानूनों के चलते ऐसी घटनाएं और बढ़ेगी। ऐक्टू कार्यस्थल पर मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर आगे भी मज़दूरों का पक्ष मुखर रूप से उठाता रहेगा। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में इस मुद्दे को लेकर संयुक्त अभियान भी चलाया जाएगा।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.