e-Shram Portal: 94% मज़दूरों का वेतन 10,000 से भी कम, गरीबी में जीने को मज़बूर

labour right

भारत में आधी से ज्यादा जनसंख्या मज़दूर वर्ग के रूप में काम करती है, लेकिन आज भी 94 फीसदी अनौपचारिक मजदूरों की आमदनी 10,000 रुपये से कम है।

ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर रजिस्टर्ड 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के डेटा से यह खुलासा हुआ है।

आंकड़ों से पता चलता है कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 94.11 फीसदी असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों की मासिक कमाई 10,000 रुपये से भी कम है।

वहीं 4.36 फीसदी की कमाई 10,001 से 15,000 रुपये के बीच है। पोर्टल पर रजिस्टर्ड 74.44 फीसदी मज़दूर समाज के पिछड़े वर्ग से आते हैं।

74% मज़दूर दलित, आदिवासी व ओबीसी

पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार 74 फीसदी मजदूर दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग से आते हैं।

इनमें से 45.32 फीसदी ओबीसी, 20.95 फीसदी दलित और 8.17 फीसदी आदिवासी वर्ग के हैं। सामान्य श्रेणी से आने वाले मज़दूरों की संख्या 25.56 फीसदी है।

उम्र के लिहाज से देखा जाए, तो 61.72 फीसदी मज़दूरों की उम्र 18 से 40 साल और 22.12 फीसदी की 40 से 50 साल के बीच है।

पोर्टल पर रजिस्टर्ड 13.23 फीसदी मज़दूरों की उम्र 50 साल से अधिक है। वहीं 2.93 फीसदी की उम्र 16 से 18 साल के बीच है।

पोर्टल पर रजिस्टर्ड 52.81 फीसदी मज़दूर महिलाएं और 47.19 फीसदी पुरुष हैं।

रजिस्ट्रेशन के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और ओडिशा हैं। रजिस्टर्ड मज़दूरों में सबसे अधिक 52.11 फीसदी मज़दूर खेती का काम करते हैं।

वहीं 9.93 फीसदी घरों में काम करते हैं जबकि 9.13 फीसदी निर्माण क्षेत्र में मजदूरी करते हैं।

38 करोड़ मज़दूरों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य

The Hindu के अनुसार विशेषज्ञों का मानना है कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन बढ़ने के साथ पता चलता है कि समाज में काफी असमानता है।

असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों की संख्या करीब 38 करोड़ है।

ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य देश में असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है। पोर्टल का लक्ष्य है कि असंगठित क्षेत्र के सभी मज़दूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए।

नवंबर, 2021 में मासिक 10,000 रुपये से कम की कमाई वाले असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों की संख्या 92.37 फीसदी थी।

उस समय पोर्टल पर 8 करोड़ से कुछ ज्यादा मज़दूर रजिस्टर्ड थे। उस समय पोर्टल पर पंजीकृत दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग के मज़दूरों की संख्या 72.58 फीसदी थी।

26 अगस्त 2021 को शुरू हुआ था पोर्टल

इस पोर्टल को 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था।

इस पोर्टल के जरिये सरकार देश के असंगठित क्षेत्र के सभी मज़दूरों के स्थिति देखना चाहती है।

साथ ही सभी मज़दूरों को कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना भी उद्देश्य है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ई-श्रम पोर्टल पर कुल 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मज़दूर रजिस्टर्ड हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र के सभी मज़दूर गरीबी में अपना जीवनयापन कर रहे हैं और इनमें से ज्यादातर मज़दूर समाज के पिछड़े समुदाय से आते हैं।

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