ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हड़ताल रोकने के लिए सरकार लाई अध्यादेश,मजदूर यूनियन ने बताया ‘आपातकाल’

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देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का निगमीकरण करने के लिए केन्द्र सरकार उतारू है।

बीते कई महीनों से प्रदर्शन कर रही यूनियनों और कर्मचारियों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ अनिश्चित हड़ताल का सहारा लिया लेकिन सरकार इस विषय पर अपने निर्णय से पीछे नहीं हट रही है।

हालांकि अब तो सरकार ने इस विरोध को चुप करने का भी तरीका ढूंढ निकाला है। सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में सभी तरह के हड़ताल को रोकने के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है।

इस बारे में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) के नेशनल सेक्ट्रिएट अमरजीत कौर ने मीडिया को अपना एक बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने कई मुख्य बातों पर जोर डाला है-

”30 जून को सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किसी भी तरह के हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने का अध्यादेश जारी किया है। मजदूरों के खिलाफ इस आपातकाल के साथ ही केन्द्र सरकार का लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए खड़े होने का ढोंग पूरी तरह से उजागर हो गया है। एआईटीयूसी ने इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार रक्षा मंत्रालय के तहत 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को कॉर्पोरेट करने की योजना है। इनके 80 हजार मजदूरों ने लगातार इस बात का विरोध कर रहे हैं। अपना विरोध दर्ज कराते हुए उन्होंने अपील, प्रदर्शन और हड़ताल तक किया है।

सरकार ने अपनी ओर से रक्षा कर्मचारियों के संघों के साथ बातचीत करने का सिर्फ दिखावा किया। वास्तव में सरकार उन्हें कॉरपोरेट्स को सौंपने की योजना बना रही थी।

हद तो तब हो गई जब केन्द्रीय श्रम आयुक्त ने तीन संघों को बुलाए बिना सुलह की कार्यवाही को अचानक बंद कर दिया और 15 जून को इसे लेकर एक विफलता रिपोर्ट जमा की और अगले ही दिन केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल ने 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निगमीकरण को मंजदूी दे दी।

इन फैक्ट्रियों से जुड़े कर्मचारियों को हड़ताल का सहारा लेने के लिए मजबूर किया गया है।

एआईटीयूसी केंद्र सरकार के इस कदम का पुरजोर तरीके से विरोध करता है। और देश की इस कीमती संपत्ति (ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज) को कॉरपोरेट्स – केंद्र सरकार के एजेंटों द्वारा दिनदहाड़े लूटने से बचाने के रक्षा कर्मचारियों के संकल्प में उनके साथ खड़ा है।

इन कर्मचारियों की रक्षा उत्पादन को बाधित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। दरअसल वे आग्रह कर रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के खातिर राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन क्षमता को मुनाफाखोरी करने वाले कॉरपोरेट्स से किसी भी तरह से दूर रखा जाए।”

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