सालों की चुप्पी के बाद टूटा इंटरार्क मजदूरों का सब्र, कंपनी के गेट पर धरने पर बैठे मजदूर

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इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड किच्छा तथा पंतनगर के मजदूरों ने 4 साल के चुप्पी के बाद कंपनी के गैरकानूनी गतिविधियों के विरोध में 16 अगस्त 2021 से कंपनी गेट के बगल में धरना की शुरुआत की।

इंटार्क मजदूर संगठन का साफ तौर पर कहना है कि इन्टरार्क प्रबंधन ने लगातार चार सालों से मजदूरों का शोषण जारी रखा है।

उनका कहना है कि समझौते के तहत यह तय हुआ था कि किसी भी मजदूर को बाहर नहीं किया जाएगा हालांकि प्रबंधन ने समझौते का उल्लंघन कर गैर कानूनी तरीके से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

वहीं साल 2018 के समझौते के बाद भी सभी मजदूरों के वेतन में वृद्धि नहीं की गई।

वहीं 4 सालों से बोनस और एल.टी.ए को रोक रखा गया है।

इंटार्क मजदूर संगठन का आरोप है कि प्रबंधन जबरदस्ती कागजों पर मजदूरों से हस्ताक्षर करवा कर शोषण कर रहा है।

इस बारे में यूनियन महामंत्री का कहना है कि इंटरार्क के मजदूरों का शोषण कंपनी कर रही है। गैर कानूनी तरीके से गेटबंदी कर समझौते का उल्लंघन कर रही है। इसके खिलाफ सभी मजदूर एकजुट होकर कंपनी की गलत नीतियों का विरोध करेंगे और तब तक विरोध करें जब तक न्याय नहीं मिल जाता।

वहीं संगठन मंत्री संतोष सिंह तथा कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मण सिंह ने कहा कि प्रबंधन की गलत नीतियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। जब तक मजदूरों का शोषण बंद नहीं होता तब तक विरोध जारी रहेगा।

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