दिल्ली से नहीं लाया जा सका मजदूर का शव, पुआल का पुतला बनाकर करना पड़ी अंत्येष्टि

By आशीष सक्सेना

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर जिले में एक मजदूर के पुआल से बने पुतले का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार उसके परिवार को करना पड़ा। सिर्फ इसलिए कि मजदूर ने लॉकडाउन के बीच दिल्ली में बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। परिवार के पास दिल्ली जाना या शव लाकर उसका अंतिम संस्कार करने का भी पैसा नहीं था। उसको कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं था, चिकिन पॉक्स हुआ था।

37 साल के सुनील जनवरी में दिल्ली आए और किराए के मकान में रहकर टायर रिपेयर की दुकान में काम कर रहे थे। 11 अप्रैल को सुनील की तबीयत खराब हुई तो मकान मालिक हिंदूराव अस्पताल लेकर पहुंचे। कोरोना वायरस संक्रमण का संदेह होने के कारण डॉक्टरों उसे एक के बाद एक तीन अस्पतालों में रैफर कर दिया।

आखिरी बार उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां 14 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। खास बात यह है कि सुनील की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई है, यानी वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं था.

गोरखपुर में सुनील के परिवारवालों को मकान मालिक ने फोन से सुनील की बीमारी और उसे ले जाने की जानकारी दी, लेकिन उसके बाद कोई मोबाइल संपर्क नहीं हो सका। परिजनों की सुनील के मोबाइल पर घंटी 14 अप्रैल को ही पहुंच सकी, जब वह दुनिया छोड़ चुका था।

निधन की जानकारी कॉल रिसीव करने वाले दिल्ली के पुलिसकर्मी ने दी। सुनील की पत्नी पूनम ने बताया कि दिल्ली से शव लाने को हर तरह से कोशिश की, लेकिन कोई इंतजाम नहीं हो पाया। टे्रनें बंद और कार करने के लिए पैसे नहीं, इस बीच तंगी और पांच छोटे बच्चे।

हर तरफ से मायूसी होने पर दिल्ली पुलिस से वहीं दाह संस्कार की गुजारिश करना पड़ी। हालांकि दिल्ली पुलिस अभी कई औपचारिकताएं पूरी कराने को उत्तरप्रदेश सरकार से संपर्क कर रही है।

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