महामारी में आलीशान पीएम आवास बनाने में लगे 3 मज़दूर कोरोना संक्रमित, बदतर इंतज़ामी की शिकायत

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/04/central-vista-New-Parliament-Building-and-modi.jpg

कोरोना महामारी के दौरान जोर-शोर से चल रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़े 3 मजदूर कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

प्रोजेक्ट से जुड़े 50 वर्षीय कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर से स्क्रॉल ने बात की और स्थिति समझी।  वह भी बीते दिनों कोरोना संक्रमित हो गया था।

बातचीत के आधार पर यह बात सामने आई कि वह एक दिन में करीब 12 घंटे कंस्ट्रेक्शन साइट पर रहता है। इस दौरान वह 30 से अधिक मजदूरों के संपर्क में भी आता है।

सुपरवाइजर ने बताया कि उसके जैसे लक्षण दूसरे मजदूरों में भी देखने के मिले। लेकिन सारी कोशिश यह की गई कि इस बारे में लोगों को पता न चले।

26 अप्रैल से उसे विभिन्न तरह की परेशानी शुरू हुई। परेशानी बढ़ने पर वह 1 मई को सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल गया। वहां उसे पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है लेकिन उसे किसी भी तरह की रिपोर्ट नहीं दी गई।

उसके परिवार को दूसरे सदस्यों में भी कोरोना से जुड़े लक्षण आ गए। लेकिन उसे या उसके परिवार की तरफ से कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से अस्पताल, दवा किसी और तरह की कोई मदद नहीं मिली। यहां तक कि उसे अपना वेतन तक नहीं मिला।

सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने 3 मजदूरों को संक्रमित होने की बात मानी है। उनके अनुसार एजेंसी ने साइट पर 263 आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जिसमें 3 मजदूर पॉजिटिव मिले। इन्हें आइसोलेशन कमरे में रखा गया। हालांकि मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में कोई बयान नहीं दिया गया।

हाल में इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने को लेकर एक याचिका भी दायर की गई। जिसके बाद मोदी सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट पर तमाम कोरोना नियमों का पालन किया जा रहा है।

मोदी सरकार का कहना है कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण की अनुमति केवल इसलिए है क्योंकि दिल्ली के लॉकडाउन के नियम के मुताबिक सभी मजदूर साइट पर रह रहे हैं।

राजपथ पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन साइट पर एक टेंट में 8 से 10 मजदूर ठहरे हुए हैं। वह भी ऐसे वक्त में जब दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

काफी मजदूर दिल्ली के दूसरी जगहों से हर दिन काम करने के लिए आते हैं।

गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट मोदी सरकार का 20 हजार करोड़ का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण हो रहा है।

जिसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके एक हिस्से के तौर पर नया प्रधानमंत्री आवास भी बनना है।

सरकार ने इस रीडेवलपमेंट प्रोजक्ट की समय सीमा 30 नवंबर 2021 निर्धारित की है।

(साभार- स्क्रॉल)

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.