अयोध्या में भव्य राममंदिर बनाने में कितना पैसा लगेगा?

राम मंदिर

 By गिरीश मालवीय

इन दिनों अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए हिंदूवादी संगठनों की ओर से चंदा जुटाया जा रहा है।

भव्य राममंदिर निर्माण के लिए जुटाई जाने वाली रकम को लेकर हैरानी है। आखिर कितनी रकम की जरूरत होगी निर्माण के लिए? 10 करोड़ ? 20 करोड़? 50 करोड़? 100 करोड़?

लेकिन ये सब छोटी रकम है। मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने का लक्ष्य है लगभग 5000 करोड़ ! इस रकम में स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण की भी योजना है, ऐसा फिलहाल तक नहीं बताया गया है।

भूमि पूजन से पहले तक अयोध्या के राम मंदिर के लिए 41 करोड़ रुपये का चंदा आ चुका था, जिसमें कथावाचक मोरारी बापू की भागीदारी 11 करोड़ रुपए की है।

तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के साथ ही कई अन्य धार्मिक संस्थाएं भी राम मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग कर रही हैं। महावीर मंदिर पटना की ओर से दो करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। शिवसेना के ओर से भी पांच करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग देने की बात की गई है।

यानी अब तक 100 करोड़ रुपए तो इकट्ठे हो गए होंगे लेकिन चंदा अभियान जोर-शोर से जारी है। पूरे देश में दरवाजे खटखटाकर 10 करोड़ परिवारों से अयोध्या के भव्य राम मंदिर के लिए चंदा मांगा जा रहा है।

1989 में भी इसी तरह से विश्व हिन्दू परिषद की ओर से पूरे देशभर में अभियान चलाकर चंदा मांगा गया था।

इस संदर्भ में जानकारी ये है कि वर्ष 1990 में विश्व हिंदू परिषद ने प्रेस नोट जारी कर बताया था कि 1989 में मंदिर आंदोलन के लिए 8.29 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।

उस दौरान देशभर में गांवों से मंदिर निर्माण के लिए शिलाएं और चंदा एकत्र किया गया था। इस चंदे में से 1 करोड़ 29 लाख खर्च कर दिए गए थे।

2015 में हिंदू संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने वीएचपी (विश्व हिंदू परिषद) और इसकी सहयोगी इकाइयों पर राम मंदिर के नाम पर मिले चंदे को हड़पने का आरोप लगाया था।

निर्मोही अखाड़े ने भी, जिन्होंने अयोध्या विवाद का केस इतने सालों तक लड़ा, उन्होंने भी विहिप पर संगीन आरोप लगाया था कि विश्व हिन्दू परिषद ने राम मंदिर के नाम पर 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।

निर्मोही अखाड़े के संत सीताराम ने कहा था कि विहिप ने राम मंदिर निर्माण के नाम पर घर-घर जाकर ईंट मांगी और पैसा जुटाया। अब तक करीब 1400 करोड़ रुपये जुटाकर संगठन के नेता डकार गए।

सभी जानते हैं, विश्‍व हिंदू परिषद को उस वक्त हर ओर से भरपूर चंदा मिला। ब्रिटेन और अमेरिका ओर विदेशों में बसे एनआरआई ने उस वक्त विहिप को चंदा बतौर बड़ी रकम दी थी।

बहरहाल, इस बार भी मंदिर निर्माण के लिए धन एकत्र करने का काम विश्व हिंदू परिषद को ही सौंपा गया है।

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