सामान ढुलाई का काम भी रेलवे ने सौंपा निजी कंपनियों को,देश भर के कुली पर रोजागार जाने का संकट छाया

यात्रियों का सामान ढोने का काम भी निजी कंपनियों के हवाले

रेलवे निजीकरण के विरोध में मंगलवार को लालवर्दी रेलवे कुली यूनियन के बैनर तले बीकानेर रेलवे स्टेशन के बाहर भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन (इंटक)  के बैनर तले प्रदर्शन किया।

ज्ञात हो कि भारतीय रेलवे की कई सेवाओं को निजी कंपनियों के हवाले किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत रेलवे ने यात्रियों के समानों को घर से उठाने से लेकर ट्रेन तक पहुंचाने का कार्य भी निजी कंपनियों को सौंप दिया है।

सरकार के इस फरमान के वजह से कुली का काम कर रहे लोगों को अपना रोजगार छिन जाने का डर सताने लगा है।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कुली सभी का बोझ उठाते हैं तब कहीं जाकर दो जून की रोटी का अपने परिवार के लिए जुटा पाते हैं।

राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष हेमंत किराडू ने बताया कि “पूर्व रेल मंत्री रामविलास पासवान ने कुली को रेलवे में स्थायी नौकरी दी और वर्तमान में कोरोनाकाल का फायदा उठाते हुए सरकार ने माल ढुलाई का काम कर जीवन यापन कर रहे कुली के रोजगार छिन इसे भी निजी हाथों में सौंप दिया।इस फैसले की वजह से इनकी रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।”

यूनियन के मंडल अध्यक्ष जाकिर हुसैन ने बताया कि “रेलवे में अधिकांश कार्यों को निजी कंपनियों से कराया जा रहा है और इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे ने एक स्कीम के तहत यात्रा का सामान घर से उठाने से लेकर ट्रेन तक पहुंचाने का कार्य भी निजी हाथों को सौंपा जा रहा है, जिससे फैसले से भारत के समस्त कुली बेरोजगार हो जाएंगे।”

(मेहनतकश की खबर से साभार)

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