गुड़गांव में 3 मंजिला इमारत गिरने से 2 मजदूरों की मौत

गुड़गांव में सोमवार को एक पुरानी फैक्ट्री को तोड़े जाने के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई हैं।

पुलिस के मुताबिक घटना उद्योग विहार फेज 1 में सुबह करीब 8 बजे हुई जब एक दर्जन मजदूर एक पुरानी फैक्ट्री की इमारत को गिराने का काम कर रहे थे। 26 सितंबर से साइट पर विध्वंस का काम चल रहा था और आज तक, तीन मंजिला कारखाने की दो मंजिलों को तोड़ दिया गया।

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NDTV से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को इमारत की आखिरी मंजिल गिरने से कुछ मजदूर मलबे में दब गए। जिसके बाद रहत बचाव में दो मज़दूरों को मलबे से बहार निकला गया। आनन फानन में घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां इलाज के दौरान दोनों मज़दूरों की मौत हो गयी है।

पुलिस के मुताबिक ईमारत गिरने से घटना स्थल पर काम पर चार मज़दूर मलबे में दब गए थे। जिसमें से दो मज़दूरों की मौत हो गयी है जबकि अन्य तो मज़दूर गंभीर रूप से घायल हैं। दो घायल मज़दूरों का इलाज अस्पताल में चल रह है।

गौरतलब है कि ठेकेदारों और मालिकों द्वारा काम के दौरान सुरक्षा मानकों की लगातार धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं है, जिसके कारण मौत के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन ऐसे मज़दूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। शासन -प्रसाशन हाथ पर हाथ रख कर इनकी मौत का तमाशा देख रहा है।

हालही में  अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा मौलिक और मूल श्रम अधिकारों के हिस्से के रूप में “एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण” को ध्यान में रख कर एक रिपोर्ट जारी की।

जिसमें ILO ने पाया है कि दुनिया भर में लगभग 2.3 मिलियन मज़दूर हर साल काम से संबंधित दुर्घटनाओं या बीमारियों के कारण अपना जीवन गवां रहे हैं। इसका मतलब है कि हर दिन 6,000 से अधिक मौतें होती हैं।

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दुनिया भर में, 340 मिलियन व्यावसायिक दुर्घटनाएं और 160 मिलियन श्रमिक सालाना काम से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होते हैं। इन आंकड़ों से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारत में होने वाली मज़दूरों की मौत का भी एक बड़ा हिस्सा है।

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