बड़ी सफलता, बैंगलोर नगर निगम में 11136 सफाई कर्मचारी हुए परमानेंट

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बेंगलुरू के सफाई कर्मचारी लम्बे समय से स्थाई रोज़गार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बाबत कर्नाटक सरकार ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को परमानेंट करने का फैसला लिया है।

सरकार द्वारा दिए गए नवीनतम आदेश के अनुसार राज्य के 11136 सफाई कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी माना जाएगा और उन्हें लोक सेवकों का लाभ मिलेगा।

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Times now से मिली जानकारी के मुताबिक ताजा आदेश के अनुसार नगर निगम के 1927 नागरिक कर्मचारी, नगर पालिका के 5533 नागरिक कर्मचारी और नगर पालिका के 3676 स्थानीय निकायों को स्थायी कर्मचारी बनाया जाएगा। उन्हें प्रति माह 17000-28980 रूपये वेतनमान मिलने की संभावना है।

वर्कर्स एसोसिएशन फैसले से नाखुश

हालांकि, वर्कर्स एसोसिएशन कैबिनेट के इस फैसले से खुश नहीं है, उन्होंने इस फैसले को ‘निराशाजनक’ बताया है। उनका कहना है कि यूनियन ने राज्य भर में सभी 33000 सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग की थी।

इस मुद्दे पर नगर निगम के कर्मचारी सरकार से लगातार उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने की गुहार लगा रहे हैं।

आप को बता दें कि जुलाई में सफाई कर्मचारियों में अपनी मांगों को लेकर राज्य की राजधानी में अनिश्चितकालीन धरना दिया था जिसके बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए गया था। जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने अपना धरना वापस ले लिया था।

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कैबिनेट के इस फैसले के बाद ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) ने सरकार के इस फैसले को निराशाजनक बताया है। यूनियनों के सदस्यों की मांग है कि राज्य सरकार सभी 33000 सफाई कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करे। उनका आरोप है कि कैबिनेट में लिया गया फैसला सफाई कर्मियों (स्वच्छता कर्मचारियों) को सीएम के लिखित आश्वासन के विपरीत है।
अनुसार

गौरतलब है कि नागरिक कार्यकर्ता बेंगलुरु की रीढ़ हैं, जिसमें 12 मिलियन से अधिक लोग हैं। शहर में प्रतिदिन लगभग 5000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है और इसका केवल एक छोटा सा हिस्सा ही वास्तव में पुनर्चक्रण में जाता है।

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