चेन्नई: सरकारी परिवहन कर्मचारी संघ के ड्राइवरों और कंडक्टरों ने बोनस में कटौती के खिलाफ किया प्रदर्शन

चेन्नई में राज्य सरकार के खिलाफ सरकारी परिवहन कर्मचारी संघ के ड्राइवरों और कंडक्टरों ने मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन डिपो के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

परिवहन कर्मचारियों का आरोप है कि दिवाली पर मिलने वाले बोनस को 20 फीसदी से घटा कर 10 फीसदी कर दिया है।

परिवहन निगम की ट्रेड यूनियनों का कहना है कि यूनियनों ने राज्य सरकार से 25 फीसदी बोनस की मांग की थी लेकिन राज्य सरकार ने पिछले साल की तुलना में भी बोनस में कटौती कर दी है।

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मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों को मिलने वाले 8.33 फीसदी बोनस में दीपावली बोनस के मात्र 1.67 फीसदी की अनुग्रह राशि को शामिल किया है। जिसके बाद से ही कर्मचारियों में रोष है।

जीटीईयू के महासचिव वी दयानंथम ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बोनस भुगतान के इतिहास को याद करने का आग्रह किया। उनका कहना है कि परिवहन निगम के कर्मचारियों को लंबे संघर्ष के बाद 20 फीसदी बोनस मिला है।

जयललिता सरकार ने भी घटाया था बोनस

उन्होंने बताया कि 2001 में, जयललिता सरकार ने बोनस को घटाकर 8.33 प्रतिशत कर दिया था। इसके विरोध में कर्मचारियों ने 17 दिन की हड़ताल का सहारा लिया था। इस हड़ताल के समय करीब 30,000 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। बाद के संसदीय चुनावों में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सरकार को इस विरोध का सामना करना पड़ा जब वह राज्य की सभी सीटों पर हार गई। 2005 में कर्मचारियों को 20 फीसदी बोनस वापस मिला था।

उन्होंने कहा कि एडप्पादी के पलानीस्वामी सरकार ने 2020 की महामारी का हवाला देते हुए बोनस को फिर से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा, “अब डीएमके सरकार ने फिर ऐसा ही किया है और अब हमारी मांग है कि बोनस को 20 फीसदी तक संशोधित किया जाये।”

गौरतलब है कि हर कर्मचारी को दिवाली से पहले सरकार से अच्छे बोनस की उम्मीद होती है। इस बात को ध्यान में रख कर देश की राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए बोनस का निर्धारण करती है।

हालही में तिलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के कर्मचारियों को दशहरा उपहार के रूप में 368 करोड़ रुपये का बोनस का तोहफा देने की घोषणा की थी। जिसमें उन्होंने इस बात को भी साफ किया था कि अब कंपनी के शेयर का 30 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों को दिया जायेगा।

यहीं दूसरी तरफ धनबाद में स्थित कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड SAIL के खनन कर्मियों (खनिक) ने राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (RCMU) संबद्ध INTUC से साथ मिल कर 1.5 लाख रुपये के बोनस की मांग की है।

CIL में 4.88 लाख से अधिक खनिक काम करते हैं जिसमें से 2.50 लाख ठेका खनिक हैं। वहीं सेल कोलियरी में 30,000 से अधिक खनिक काम करते हैं।

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